खासकर गर्मी के दिनों में क्योंकि लोकल सिस्टम भी दूसरे सिस्टम के साथ सक्रिय हो जाता है और लंबे वक्त तक बारिश होती है। ऐसा ही मंगलवार को भी हुआ। दिन में गर्मी ज्यादा थी, इस बीच दोहरा सिस्टम सक्रिय हुआ और लोकल सिस्टम भी कुछ देर के लिए बन गया।
ट्रिपल सिस्टम इफेक्ट की वजह से ओले भी बरसे। मौसम वैज्ञानिक आरके सोरी ने कहा कि बस्तर में गर्मी के दौरान इस तरह से बारिश होना आम बात है, जिस दिन गर्मी ज्यादा होती है, उस दिन बारिश की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। इसके साथ ही अगर कोई सिस्टम सक्रिय हो तो बारिश होना तय होता है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार इस महीने तीन सिस्टम बस्तर में सक्रिय हुए हैं, लेकिन सबसे ज्यादा बारिश मंगलवार को 30 एमएम दर्ज की गई।
दिनभर 40 के पार रहा पारा, दो दिन ऐसा ही रहेगा मौसम
बारिश से पहले तक समूचे बस्तर में सूरज आग उगलता रहा। मंगलवार को अधिकतम तापमान 40.6 डिग्री दर्ज किया गया। बारिश के बाद तापमान में भारी गिरावट आई। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आने वाले दो दिनों तक बस्तर में यही स्थिति बनी रहेगी। अधिकतम तापमान दिन में ज्यादा रहेगा और शाम को बारिश हो सकती है। ऐसा दोहरे सिस्टम के सक्रिय होने की वजह से होगा। सिस्टम का असर खत्म होने के बाद भी अगर बस्तर में गर्मी बढ़ी तो यहां शाम को बारिश की संभावना बनी रहेगी।