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डाक्टर के पैथालाजी लैब् में सीएमएचओ ने जड़ दिया ताला

locationजगदलपुरPublished: Apr 03, 2022 08:52:36 pm

Submitted by:

Ajay Shrivastav

डा चिखलीकर स्कैन एंड रिसर्च सेंटर का लाइसेंस निरस्त, पीडि़त को जारी कर दी थी गलत रिपोर्ट, स्वास्थ्य मंत्री तक हुई थी शिकायत, नर्सिंग होम एक्ट का हवाला देकर किया रद्द

डा चिखलीकर स्कैन एंड रिसर्च सेंटर का लाइसेंस निरस्त

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जगदलपुर। सर्किट हाउस रोड िस्थत डा चिखलीकर स्कैन एंड रिसर्च सेंटर का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने इस आशय का निर्देश जारी कर दिया है। इसमें कालातीत लाइसेंस के जरिए लैब संचालन व नर्सिंग होम एक्ट के उल्लंघन को प्रमुख माना है।
पत्रिका ने चिखलीकर स्कैन एंड रिसर्च सेंटर में जारी अनियमितता को लेकर मुखरता से स्रमाचार प्रकाशित किया गया था। इस लैब के द्वारा एक पीडि़त की ब्लड रिपोर्ट में प्लेटलेट्स काउंट साढ़े सात लाख बता दिया गया था। जबकि नार्मल रेंज 1 से साढ़े चार लाख तक ही होना चाहिए था। मरीज ने अन्य लैबोरेटरी में जाकर जब इसका क्रास चेक करवाया तो पता चला कि इस लैब ने ब्लड की जांच में पूरी तरह से लापरवाही बरती थी। इसे लेकर पीडि़त ने स्थानीय से लेकर राज्य स्तर पर शिकायत की थी। कई बार शिकायत के बाद मीएमएचओ ने अंतत: इसका लाइसेंस निरस्त कर दिया है।
लाइसेंस था कालातीन चल रहा था लेैब:

डा चिखलीकर स्कैन एंड रिसर्च सेंटर का लाइसेंस वर्ष 2019 में ही कालातीत हो गया था। इसके बाद से इस लार्ज पैथालाजी लैब के संचालक इसे बिना किसी वैध् अनुमति के संचालित किए जा रहे थे। आखिकार जब इनकी शिकायत हुई जब जाकर विभाग ने यह कार्रवाई करने की जहमत उठाई।
नर्सिंग होम एक्ट का हवाला देकर नवीनीकरण किया रद्द:
साल 2019 से लगातार बिना लाइसेंस के चल रहे इस लैब के जरिए रोजाना सैकड़ों मरीजों को रिपोर्ट जारी कर दी गई है। शिकायत के बाद भी लैब संचालक बेखौफ इस लेब का संचालन किए जा रहे थे। जब मामले ने तुल पकड़ा तो लैब के संचालक डा अविनाश चिखलीकर ने अपने लैब संचालन के लाइसेंस के नवीनीकरण का लाइसेंस प्रस्तुत किया। इसके उपरांत जांच हुई व इस लैब में छग नर्सिंग होम एक्ट के तहत फायर सेफ्टी नार्मस नहीं पाए जाने की बात को ग्ंभीरता से लेते इस का नवीनीकरण रद्द कर दिया गया।
सामाजक संगठन भी आए आगे:

डा चिखलीकर स्कैन व रिसर्च सेंटर के खिलाफ पत्रिका की जारी मुहिम को सामाजिक, राजनैतिक व अन्य समंगठनों का भरपूर समर्थन मिला। इसे लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण ब्यूरो के संभागीय अध्यक्ष व बस्तर मुक्ति मोर्चा व जनता कांग्रेस ने भी कमिश्नर, कलेक्टर, स्वास्थ्य संचालक व स्वास्थ्य मंत्री तक से शिकायत की थी।
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