जी हां, यहां जेल प्रशासन ने कैदियों में सुधार और बदलाव के लिए एक कम्युनिटी रेडियो स्टेशन (Community Radio Station in Central Jail) लॉन्च किया है। जिसे जेल के भीतर अभी बैरकों में मौजूद कैदी सुन रहे हैं तथा पसंद कर रहे हैं। इस रेडियो स्टेशन का संचालन कैदियों द्वारा ही किया जा रहा है। इस कम्युनिटी रेडियो का शुभारंभ विश्व आदिवासी दिवस को किया गया था। फिलहाल सुबह 10 से 10.30 बजे तक इसका प्रसारण किया जा रहा है। इसे सुनने बैरकों में साउंड बाक्स लगाए गए हैं। जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने बताया छत्तीसगढ़ में अपनी तरह का पहला जेल रेडियो है जो कि जेल में रह रहे बंदियों व कैदियों के तनाव दूर करने का प्रयास स्वरूप प्रसारित किया जा रहा है।
कैदी ही एनाउंसर और कैदी ही श्रोता
– 500 मीटर की है परिधि, जेल कैंपस में ही सुनाई देता है
– प्रसारण हिंदी के अलावा हल्बी, गोंडी, भतरी में रोजाना हो रहा है
– प्रसारण छत्तीसगढ़ की यह पहली जेल जहां खुला है कम्युनिटी रेडियो सेंटर
खबरों के अलावा भजन व गाने भी सुनवा रहे
जेल में अधिकांश बंदी बस्तर क्षेत्र के ही हैं जिसके हिसाब से बंदियों और कैदियों को निर्धारित समय पर खबरों के अलावा उनकी पसंद के गाने, भजन और सम-सामयिक विषय पर कार्यक्रम का प्रसारण किया जाता है। यह प्रसारण हिंदी के अलावा हल्बी, भतरी व गोंडी जैसे स्थानीय भाषा में किया जा रहा है। जिसे कैदियों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। इसकी प्रस्तुति जेल में आजीवन सजा काट रहे कैदी द्वारा की जा रही है।