नहीं है कोई जवाब
ठेकेदार ने कांक्रीट सडक़ के किनारे मुरूम फिलिंग क्यों नहीं किया। इसका जवाब नगर पंचायत के नुमाइंदों के पास नहीं है। जबकि कांक्रीट सडक़ के निर्माण के लिए बनने वाले इस्टीमेट व कुल लागत में साइड फिलिंग का भी प्रावधान होता है। ठेकेदार ने पूरी राशि निकलवा ली और मुरूम फिलिंग भी नहीं की। इस कार्य में नगर पंचायत के तकनीकी अमले और अन्य अफसरों की भी भूमिका संदेह के दायरे में है।
रात में गलियों से मुख्य सडक़ तक निकलने में हादसों का खतरा बना रहता है
स्ट्रीट लाइट भी नहीं लगीगीदम-बारसूर मार्ग को जोडऩे वाली इस कांक्रीट सडक़ पर स्ट्रीट लाइट भी अब तक नहीं लगी है जिससे रात में यहां लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कत होती है। मुख्य सडक़ से करीब 500 मीटर दूरी पर वनवासी विकास समिति द्वारा संचालित कन्या आश्रम भी है, जिसमें छोटी बच्चियां रहकर पढ़ाई करती हैं। रात में आपात स्थिति में इस सडक़ पर साइकिल से व पैदल आने जाने में काफी दिक्कत होती है। नाली का भी आधा-अधूरा निर्माण सीसी सडक़ के किनारे कांक्रीट की नाली का निर्माण भी करवाया गया है, लेकिन नाली के किनारे मिट्टी व मुरूम की पटाई नहीं हुई है, जिससे इस तरफ रात में गलियों से मुख्य सडक़ तक निकलने में हादसों का खतरा बना रहता है। नालियों को कवर भी नहीं किया है।