गौरतलब है कि दरभा डिवीजन के सचिव साईंनाथ ने बंद को लेकर विज्ञप्ति जारी की थी और कहा था कि इलाके के संसाधन को लूटने के लिए पुलिस कैंपों की स्थापना करने में ही लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। अनुसूचित इलाके में पेसा कानून को अमल करने का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार अब खुद उसकी धज्जियां उड़ाने में लगे हैं। किरंदुल इलाके में चार और पोटाली व चिकपाल पंचायत दो नए कैंप खोलने जा रही है इससे जनता को नुकसान होगा। इसलिए लोगों में आक्रोश है। साथ ही गोंडेरास में पुनेम सीको को मुठभेड़ मारने का पुलिसिया दावे को भी झूठा बताया है। साथ ही जेल में बन्द सभी निर्दोषों की रिहाई, विशेष पुलिस बल गठन बन्द करने, बैलाडीला विस्तार विनिवेशीकरण बन्द करने के साथ प्रेसनोट पर बस्तर के प्राकृतिक संसाधनों पर बस्तर के हक की बात लिखी है।
इधर पुलिस ने तेज की सर्चिंग
वहीं दूसरी तरफ बंद को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने भी इलाके में सर्चिंग बढ़ा दी है। पुलिस का कहना है कि माओवादी बंद के दौरान सडक़ काटने, पर्चा फेंकने व बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं इसे देखते हुए भी पुलिस ने अलर्ट जारी करने के साथ आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।