जिले में एक्टिव केस की संख्या भी शून्य
कोरोना की सभी लहरों के अंतिम पढाव की बात कहने एक वजह यह भी है कि अब जिले में एक भी एक्टिव मरीज नहीं है। सभी संक्रमित पूरी तरह से ठीक हो गए हैं। इस एक महीने में एक भी एक्टिव मरीज नहीं मिला वहीं 85 प्रतिशत इस महीने में एक्टिव मरीजों की संख्या शून्य रही। यह भी जिले में पहली बार हो रहा है कि एक महीने तक एक्टिव मरीजों की संख्या शून्य पर है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि उनका लक्ष्य शून्य संक्रमित और शून्य एक्टिव केस का प्राप्त करना था। यह पूरा हो चुका है। वैक्सीनेशन की तरफ वे ध्यान दे रहे हैं।
संक्रमितों की संख्या कम देखते हुए कम हुई जांच
कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच जिले में फिलहाल जांच की संख्या कम कर दी गई है। जहां पहले प्रतिदिन 2500 से अधिक लोगों की जांच चल रही थी। वहीं अब यह घटकर बीच में 1200 तक आ गई है, लेकिन अब इसक संख्या 50 तक आ गई है। जो संक्रमितों की संख्या कम आने का एक प्रमुख कारण है। लेकिन जांच की संख्या आधी होने के बावजूद संक्रमण दर चार गुना तक कम हुई है। प्रशासन का कहना है कि लगातार संक्रमण का दर कम होने के बाद ही जांच की रफ्तार धीमी पड़ी है। उनका कहना है अधिकतर लोगों ने संक्रमण की जांच करा ली है या फिर वे वैक्सीनेटेड हो गए हैं।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण का खतरा अभी फिलहाल पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। बावजूद इसके लोग इसके खतरे को पूरी तरह से भूल गए हैं। आलम यह है कि लोग बेखौफ होकर घुम रहे हैं। कोरोना गाइडलाइन का पालन भी नहीं कर रहे हैं। ऐसे में इसके संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ गया है। वहीं तीसरी लहर को लेकर भी जानकारी लगातार सतर्क कर रहे हैं।
जिले के 7 अस्पताल में 1600 बेड, पर एक में भी मरीज नहीं
कोरोना से लड़ाई के लिए जिले में 7 अस्पताल में अलग से बेड तैयार किए गए थे। इसमें 1600 से अधिक बेड संक्रमितों की लिए ही आरक्षित किए गए थे। जिसमें ऑक्सीजन से लेकर नॉन ऑक्सीजन बेड शामिल हैं। लेकिन अच्छी बात यह है कि मौजूदा स्थिति में जिले में एक भी अस्पताल ऐसा नहीं है जिसमें कोई भी कोरोना संक्रमित मरीज हो। वहीं घरों में भी जो संक्रमित हैं उनकी संख्या भी अब 2 ही बची हुई है।