scriptबस्तर संभाग सहित इस संभाग से भी आते हैं डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में कोरोना सैंपल, वायरोलॉजी लैब में बढ़ा जांच का लोड | corona samples coming from Durg division in medical college jagdalpur | Patrika News

बस्तर संभाग सहित इस संभाग से भी आते हैं डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में कोरोना सैंपल, वायरोलॉजी लैब में बढ़ा जांच का लोड

locationजगदलपुरPublished: Jun 13, 2020 06:00:45 pm

Submitted by:

Badal Dewangan

बस्तर के साथ अब दुर्ग संभाग से भी आ रहा मेडिकल कॉलेज में सैंपल, वायरोलॉजी लैब में बढ़ा कोरोना जांच का लोड, हर दिन तीन शिफ्ट में ढ़ाई से तीन सौ सैंपल की कर रहे जांच

बस्तर संभाग सहित इस संभाग से भी आते हैं डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में कोरोना सैंपल, वायरोलॉजी लैब में बढ़ा जांच का लोड

बस्तर संभाग सहित इस संभाग से भी आते हैं डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में कोरोना सैंपल, वायरोलॉजी लैब में बढ़ा जांच का लोड

जगदलपुर. मेडिकल कॉलेज में बस्तर के साथ ही अब दुर्ग संभाग से भी जांच के लिए सैंपल आ रहे हैं। ऐसे में यहां पर के वायरोलॉजी लैब में आरटीपीसीआर जांच का लोड बढ़ गया है। इन दिनों प्रवासी मजदूरों के वापस लौटने के कारण बस्तर संभाग से हर दिन 3 से चार सौ सैंपल आ रहा है। ऐसे में जांच रिपोर्ट आने में काफी समय लग रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज के वॉयरोलॉजी लैब में अब तक करीब 15 हजार 503 सैंपल की जांच कर चुके हैं। इसमें 10 पॉजीटिव आया। एम्स में कोरोना जांच का लोड बढऩे पर अब दुर्ग संभाग का सैंपल जांच के लिए डिमरापाल मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा है। ऐसे में दुर्ग संभाग से बुधवार को करीब 70- 50 सैंपल जांच के लिए भेजा गया। वहीं पूरे प्रदेश में सिर्फ तीन जगह पर ही कोरोना जांच हो रही है। इस वजह से यहां पर भी जांच का लोड बढ़ता जा रहा है। गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज में आरटीपीसीआर जांच के लिए दो मशीन हैं। जिसे अल्टरनेट तीन शिफ्ट में उपयोग किया जा रहा है। एक शिफ्ट में करीब 120 सैंपल की जांच की जा रही है।

इस वजह से जांच में हो रही देरी
आरटीपीसीआर जांच मशीन में एक बार में सिर्फ 12 सैंपल की जांच की जा सकती है। एक बार सैंपल जांच के लिए लगाने के बाद रिपोर्ट आने में करीब 6 घंटे लगते हैं। ऐसे में अधिक से अधिक सैंपल की जांच करने के लिए 10 सैंपल को मिला कर एक सैंपल बनाया जाता है। फिर उसे जांच के लिए आरटीपीसीआर मशीन में लगाते है। ऐसे में एक बार में करीब 120 सैंपल की जांच हो जाती है। यदि इसमें किसी भी एक सैंपल का रिपोर्ट पॉजीटिव आता हैए तो फिर उन 10 सैंपल का फिर से अलग.अलग जांच किया जाता है। इस वजह से यहां पर जांच में देरी हो रही है और पेंडिंग सैंपल की संख्या बढ़ रही है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो