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विभाग का कहना है
वैक्सीनेशन के साथ कोरोना की जांच से लेकर अन्य तरीके के टीकाकरण का काम स्वास्थ्य विभाग कर रहा था। आरके चतुर्वेदी, सीएमएचओ का कहना था कि पहले चरण का कोविशील्ड की डोज 23 हजार लोगों को लगा दी गई है। अब रफ्तार बढ़ गई है। विभाग की टीम सभी तरह की चुनौतियों से लडऩे के लिए तैयार है।
पहले चरण में 60 फीसदी फ्रंटलाइन वर्कर्स ने लगवाई वैक्सीन
वैसे तो कोरोना के वैक्सीनेशन की शुरूआत 16 जनवरी से शुरू हो गया है। लेकिन पहले चरण में फ्रंट लाइन वर्कर्स और अफवाहों के बीच शुरूआत काफी धीमी रही। लेकिन अब लोगों में जागरूकता बढ़ी है और अब लोग खुद से वैक्सीनेशन के लिए केंद्रों तक पहुंच रहे हैं। यह जागरूकता लोगों में दो महीने बाद आयी है।
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यही वजह है कि आज जिले के 45 केंद्रों में वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रह है। वहीं अब तक जिले में 23 हजार से अधिक लोगों को कोरोना की वैक्सीनेशन लग चुकी है। इसमें पहले चरण के 60 फीसदी फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लग चुका है। इधर कोराना टीका लगवाने का प्रचार लगातार जारी है।विभाग के पास अभी भी चुनौतियां कम नहीं
कोरोना की दूसरी लहर की दस्तक प्रदेश में कोरोना ने दे दी है। ऐसे में एक ओर जांच में जुटी स्वास्थ्य विभाग की टीम को वैक्सीनेशन में भी जुटना पड़ रहा है। इतना ही नहीं इसी बीच में कई टीकाकरण और जांच कार्यक्रम चलाये गए। जिसमें पोलियो, मलेरिया और जापानी बुखार के टीकाकरण शामिल हैं। अब सीमित स्टाफ से इन कार्यक्रमों के साथ कोरोना की जांच और उसके ट्रीटमेंट से लेकर वैक्सीनेशन तक का काम करना पड़ रहा है। यही वजह है कि वैक्सीनेशन कार्यक्रम धीमी रफ्तार से चल रहा है।