scriptलाल आतंक के साए को छोड़ दूधमुहे बच्चों को लेकर इन योजनाओं की चाह में जिला पंचायत पहुंचे आत्मसमर्पित नक्सली | Counselling Of Surrenderd Naxali by collector, CEO and SP In Kondagaon | Patrika News

लाल आतंक के साए को छोड़ दूधमुहे बच्चों को लेकर इन योजनाओं की चाह में जिला पंचायत पहुंचे आत्मसमर्पित नक्सली

locationजगदलपुरPublished: Jun 20, 2019 01:12:46 pm

Submitted by:

Badal Dewangan

माओवादी विचारधारा को छोड़ कर आए माओवादियों Surrenderd Naxali के लिए जिला प्रशासन ने खोला अपना योजनाओं का पिटारा, हुआ काउंसलिंग का आयोजन

Surrenderd Naxali

लाल आतंक के साए को छोड़ इन योजनाओं की चाह में जिला पंचायत पहुंचे आत्मसमर्पित नक्सली, फिर…

कोण्डागांव. लाल आतंक का दामन छोड़ शांति व अपने परिवार के साथ खुशहाल जिन्दगी व्यतीत करने का सपना संजोने वाले आत्मसमर्पित माओवादियों Surrenderd Naxali के लिए जिला व पुलिस प्रशासन ने संयुक्तरूप से इनकी बैठक बुधवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष में काउंसलिंग Counselling का आयोजन हुआ । इसमें आधे से ज्यादा ऐसे आत्मसमर्पित माओवादी Surrenderd Naxali शामिल हुए जिन्होंने माओवादी संगठन के साथ रहते हुए अपना सबकुछ बर्बाद कर डाला हैं। लेकिन उनमें जीने की ललक आज भी बाकी है यही वजह रही किए प्रशासन ने इस काउंसलिंग Counselling के माध्यम से समर्पण करने वाले माओवादियों को मिलने वाली सुख-सुविधाओं के लिए अपना पिटारा खोल दिया।

दुधमुहे बच्चों के साथ पहुंचे थे
आत्मसमर्पण करने के बाद लगभग सभी ने अपना परिवार बसा लिया है और अपने पूरे परिवार के साथ व इनमें से कुछ अपने दुधमुहे बच्चों को लेकर जिला प्रशासन के बुलावे पर यहॉ पहुंचे थे। यहां आने वाले आत्मसमर्पित माओवादियों Surrenderd Naxali में से कुछ ने जमीन का पट्टा देने की बात कही तो कुछ ने जिला मुख्यालय के आसपास ही बसना अपने लिए बेहतर बताया। हालांकि जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने इनकी हर बातों को सुना और उनकी आवश्यकतानुसार हर सुविधा उपलब्ध करवाने की बात कही।

नौकरी के साथ ही स्वरोजागार प्रशिक्षण भी
पूर्व में आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में से जो साक्षर है उनकी योग्यता के अनुसार उनके लिए नौकरी आदि की व्यवस्था जिला प्रशासन करेगी। इसके साथ ही जो निरक्षर हैं उनके लिए पढ़ाने के साथ ही स्वरोजगार मुहैया कराने विभिन्न ट्रेडों का प्रशिक्षण भी देगी। ज्ञात हो कि, जिले में 332 माओवादियों ने आत्मसर्पण किया था। जिनमें से कुछ नारायणपुर व कांकेर जिले के थे जिन्हें आत्मसमर्पण करने के दौरान प्रोत्सहान राशि देकर नियमानुसार यहॉ से उनके जिलों को भेजा गया था। जानकारी के मुताबिक जिले में अब तक 40 आत्मसमर्पित माओवादियों को सरकारी नौकरी मुहैया करवा दी गई हैं।

मुख्यधारा से जोडऩे हर संभव प्रयास
प्रभारी कलक्टर व जिला पंचायत सीईओ नुपूर राशि पन्ना ने बताया कि, समर्पण कर चुके लोगों को मुख्यधारा से जोडऩे हर संभव प्रयास किया जा रहा हैं। इसके साथ ही उन्हें मिलने वाली सुविधाएं जल्द मिलने लगेगी।

समस्याओं का निराकरण करने का प्रयास
पुलिस अधीक्षक सुजीत कुमार ने बताया कि, आत्मसमर्पण करने वाले लोगों को नियमानुसार शासन की हर सुविधा मिल सके इसलिए उनसे मिलकर चर्चा आदि का उनकी समस्याओं का निराकरण करने का प्रयास किया जा रहा हैं।

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