लापरवाही उजागर
जिला मजिस्टे्रट सभी कार्यपालिका मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक, उप निरीक्षक व पुलिस अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में तलाशी व अभिग्रहण की शक्तियां प्राप्त है। नियमित तौर पर तलाशी व अभिग्रहण की कार्रवाई करने का प्रावधान है। इसके बावजूद पटाखा के भण्डारण को लेकर लगातार लापरवाही व अनियमितता बरती गई। हादसे ने पुलिस व प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई है।
पटाखा भण्डार को लेकर नहीं होती मानिटरिंग
विस्फोटक अधिनियम के तहत पटाखा का भण्डारण, विक्रय, प्रयोग व वहन से संबंधित सभी अभिलेख दुकान संचालकों को अनिवार्य रूप से संधारित करना है। यही नहीं अभिलेखों का संधारण कर त्रेमासिक जानकारी जिला मजिस्टे्रट को प्रस्तुत करना है। यही नहीं जिला दण्डाधिकारी, मजिस्ट्रेट व पुलिस अधिकारी को अपने-अपने अधिकारिता क्षेत्र में जारी विस्फोटक सामग्री से संबंधित सूची रखना जरूरी है, लेकिन वर्तमान में जिले में चल रहे अधिकांश पटाखा दुकानों की जानकारी प्रशासन के पास नहीं है।
विस्फोटक अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई
फोरेंसिक जांच दल ने पटवा ट्रेडिंग कंपनी व ओम ट्रेडर्स की इमारत से मलबे का सैंपल लेकर रायपुर भेजा है। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद फोरेंसिक विभाग जांच रिपोर्ट पुलिस को सौंपेगी। उक्त रिपोर्ट के आधार पर पटाखा दुकानों पर कानूनी कार्रवाई जिला प्रशासन व पुलिस की ओर से विस्फोटक अधिनमय के तहत की जाएगी। कलक्टर डॉक्टर अय्याज तंबोली व एसपी दीपक कुमार झा इस गंभीर मामले पर नजर बनाए हैं।