scriptजिस पटाखा दुकान में लगी थी आग उसमें विस्फोटक अधिनियम का उल्लंघन कर इतनी मात्रा में रखे गए थे पटाखे | Crackers placed in huge quantities in violation of the Explosives Act | Patrika News

जिस पटाखा दुकान में लगी थी आग उसमें विस्फोटक अधिनियम का उल्लंघन कर इतनी मात्रा में रखे गए थे पटाखे

locationजगदलपुरPublished: Sep 13, 2019 05:44:50 pm

Submitted by:

Badal Dewangan

फारेंंसिक रिपोर्ट तय करेगी विस्फोटक अधिनियम के तहत कार्रवाई, भूतल में पटाखा रखने के बजाय ऊपरी मंजिल में रखा था पटाखा

जिस पटाखा दुकान में लगी थी आग उसमें विस्फोटक अधिनियम का उल्लंघन कर इतनी मात्रा में रखे गए थे पटाखे

जिस पटाखा दुकान में लगी थी आग उसमें विस्फोटक अधिनियम का उल्लंघन कर इतनी मात्रा में रखे गए थे पटाखे

जगदलपुर. पटवा ट्रेडिंग में पटाखा के भण्डारण को लेकर घोर अनियमितता उजागर हुई है। विस्फोटक अधिनियम का उल्लंघन करते हुए भूतल में पटाखा रखने के बजाए इमारत के ऊपरी मंजिल में भी रखवाया गया था। बिना लाइसेंस के उक्त पटाखा रखा जाना मामला संगीन अपराध की श्रेणी में आता है। मामले में कार्रवाई करने फारेंसिक रिपोर्ट का पुलिस व प्रशासन इंतजार कर रही है। ज्ञात हो कि विस्फोटक अधिनियम केन्द्र सरकार की ओर से जारी राजपत्र के तहत पालन में जिला प्रशासन व पुलिस को कड़ाई से किया जाना है। जिसकी घोर लापरवाही विस्फोटक पदार्थो के भण्डारण व विक्रय को लेकर देखने में शहर में मिली है। विस्फोटक नियम २००८ के नियम ७८ में प्रावधान अनुसार किसी भी विस्फोटक सामान का भण्डार केवल भूस्थल पर ही किया जाना है। बावजूद पटवा ट्रेडिंग की चार मंजिला इमारत में पटाखा रखा गया था। नियम विरूद्ध पटाखों का भण्डारण इमारत के भूतल में रखने के बजाए दूसरे और तीसने मंजिल में रखा गया था। जहां रखा पटाखा विस्फोट हो रहा था। पटवा ट्रेडिंग ही नहीं यही स्थिति शहर के दर्जन भर पटाखा दुकानों में प्रशासन के जांच के दौरान देखने को मिली है। पटाखा का भंडारण भूतल में करने के बजाए इसे छिपाकर ऊपर रखा गया। ताकि प्रशासन और पुलिस की नजरों में न आ सके। विस्फोटकों के कब्जे, विक्रय, भण्डारण या उपयोग के लिए नियम ८६ में प्रावधान के अनुसार सुरक्षित दूरी पर रखे जाने का कड़ाई से पालन दुकानदार पर सुनिश्चित करवाने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन व पुलिस की होती है। लेकिन इसकी अनदेखी सीधे तौर पर करते हुए पटवा ट्रेडिंग के संचालक ने भारी तादाद में पटाखा का भण्डारण कर रखा था।

लापरवाही उजागर
जिला मजिस्टे्रट सभी कार्यपालिका मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक, उप निरीक्षक व पुलिस अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में तलाशी व अभिग्रहण की शक्तियां प्राप्त है। नियमित तौर पर तलाशी व अभिग्रहण की कार्रवाई करने का प्रावधान है। इसके बावजूद पटाखा के भण्डारण को लेकर लगातार लापरवाही व अनियमितता बरती गई। हादसे ने पुलिस व प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई है।

पटाखा भण्डार को लेकर नहीं होती मानिटरिंग
विस्फोटक अधिनियम के तहत पटाखा का भण्डारण, विक्रय, प्रयोग व वहन से संबंधित सभी अभिलेख दुकान संचालकों को अनिवार्य रूप से संधारित करना है। यही नहीं अभिलेखों का संधारण कर त्रेमासिक जानकारी जिला मजिस्टे्रट को प्रस्तुत करना है। यही नहीं जिला दण्डाधिकारी, मजिस्ट्रेट व पुलिस अधिकारी को अपने-अपने अधिकारिता क्षेत्र में जारी विस्फोटक सामग्री से संबंधित सूची रखना जरूरी है, लेकिन वर्तमान में जिले में चल रहे अधिकांश पटाखा दुकानों की जानकारी प्रशासन के पास नहीं है।

विस्फोटक अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई
फोरेंसिक जांच दल ने पटवा ट्रेडिंग कंपनी व ओम ट्रेडर्स की इमारत से मलबे का सैंपल लेकर रायपुर भेजा है। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद फोरेंसिक विभाग जांच रिपोर्ट पुलिस को सौंपेगी। उक्त रिपोर्ट के आधार पर पटाखा दुकानों पर कानूनी कार्रवाई जिला प्रशासन व पुलिस की ओर से विस्फोटक अधिनमय के तहत की जाएगी। कलक्टर डॉक्टर अय्याज तंबोली व एसपी दीपक कुमार झा इस गंभीर मामले पर नजर बनाए हैं।

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