इस अवार्ड के लिए छत्तीसगढ़ राज्य से दो जिलों दंतेवाड़ा, महासमुंद का चयन किया गया था। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप जिले में गरीबी उन्मूलन के तहत पूना माड़ाकाल दन्तेवाड़ा का सपना साकार हो रहा है। इसके लिए कलेक्टर सोनी के निर्देशन में जिले में लोगों को रोजगार, स्वरोजगार से जोड़ने सर्वप्रथम बेसलाइन सर्वे किया गया। जिसमें अति निम्न वर्गीय, मध्यम वर्गीय परिवारों का चिन्हांकन किया गया। इसके बाद लोगों को आजीविका से जोड़कर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान की गई है। प्रशासन के लगातार प्रयास का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों को मिला। रोजगार सृजन कर लोगों को व्यवसाय से जोड़ उनको गरीबी उन्मूलन के लिए रोजगार व स्वरोजगार के साधन उपलब्ध कराए गए हैं। जिससे रोजगार से जुड़े लोग अन्य लोगों को भी उद्यमिता के क्षेत्र में प्रोत्साहित कर रहे हैं। पूना माड़ाकाल दंतेवाड़ा के तहत जिले में इस क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हुए। गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में कई नवाचारों को दंतेवाड़ा जिले ने अपनाया है। इसका ही नतीजा है कि जागरूकता के साथ लोग स्वरोजगार से जुड़ आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहे हैं। इससे स्थानीय आदिवासियों का जीवनस्तर सुधर रहा है। साथ ही ग्रामवासियों के सामाजिक एवं व्यावहारिक जीवनशैली में भी परिवर्तन नज़र आ रहा है। रोजगारोन्मुखी कार्यक्रमों के तहत सूक्ष्म उद्यमिता प्रशिक्षण पर जोर देकर विभिन्न व्यवसायिक क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से उद्यम स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। बेरोजगारों की मदद के लिए ब्लॉक मुख्यालयों में पूना माड़ाकाल सेल स्थापित किए गए हैं। अब तक पूना माड़ाकाल सेल के तहत प्राप्त आवेदनों में से 707 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है।
ग्राम स्वरोजगार केंद्र से स्थानीय बेरोजगार युवाओं को मिल रहा रोजगार : जिला प्रशासन ने एक अनूठी परिकल्पना ग्राम स्वरोजगार पर कार्य करना प्रारंभ किया हैै। जिला प्रशासन द्वारा गांव के अप्रशिक्षित बेरोजगारों को उनके रुचि एवं ग्राम की आवश्यकता अनुरुप विभिन्न तरह के दैनिक जरूरतों के दुकान जैसे -किराना, सायकिल-बाइक रिपेरिंग की दुकान, नाई सेलून, कम्प्यूटर-फोटोकॉपी व मोबाईल व टीवी रिपेयर की दुकान, सब्जी दुकान के लिए स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण करवाया। साथ ही स्वरोजगार हेतु आवश्यक सहयोग राशि उपलब्ध करवाई जा रही है। इसका लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है। उनकी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति उनके गांव में हो रही है तथा बेरोजगारों को स्वरोजगार के रुप में आर्थिक लाभ प्राप्त हो रहा है। 133 ग्रापं के कुल 417 हितग्राहियों को लाभांवित किया जा चुका है।