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डिमरापाल मेडिकल कॉलेज ने कीमती उपकरणों पर किया कब्जा, जिला अस्पताल में पसरा सन्नाटा

locationजगदलपुरPublished: Jul 09, 2018 01:39:25 pm

Submitted by:

Badal Dewangan

चिकित्सकीय उपकरणों के अभाव ने डॉक्टरों की बढ़ाई मुश्किलें, गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर छोडऩा भूल गया मेकॉज प्रबंधन

डिमरापाल मेडिकल कॉलेज

डिमरापाल मेडिकल कॉलेज ने कीमती उपकरणों पर किया कब्जा, जिला अस्पताल में पसरा सन्नाटा

जगदलपुर. वर्षों तक महारानी अस्पताल भवन का इस्तेमाल करने के बाद डिमरापाल मेडिकल कॉलेज किराएदार की तरह सभी साजो सामान उठाकर कर ले गई है। इलाज के लिए भर्ती करने भी यहां के डॉक्टरों को सोचना पड़ रहा है। चिकित्सकीय मशीनों के अभाव में डॉक्टर मजबूर होकर गंभीर मरीजों को रेफर कर रहे हैं। जिससे नाराज शहर की जनता और राजनैतिक पार्टियां इसे सौतेला व्यवाहार करना बताया है।

मशीनों पर महारानी अस्पताल का आधिपत्य है
उल्लेखनीय है कि संपत्ति बंटवारा की स्थिति स्पष्ट नहीं होने की वजह से उन मशीनों को शिफ्ट कर दिया गया है। जिन पर मशीनों पर महारानी अस्पताल का आधिपत्य है। आनन-फानन में मशीनों की शिफ्टिंग में महारानी अस्पताल के मद से खरीदी गई मशीनों को भी डिमरापाल ले जाने की बात सामने आ रही है। जबकि मेडिकल कॉलेज के मद से खरीदे गए मशीनों व अन्य सामग्रीयों को नियमत: शिफ्ट किया जाना था। इन्हीं वजह से वर्तमान में महारानी अस्पताल में मरीजों के लिए इलाज के लिए जरूरी उपकरण मौजूद नहीं है। एेसे में डॉक्टरों को मरीजों का इलाज करने में असुविधा हो रही है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है इलाज में होने कमियों का पता लगाकर जल्द से जल्द इसे पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

जल्द ही हो जाएगी स्थिति सामान्य : महारानी अस्पताल सिविल सर्जन डॉक्टर संजय प्रसाद का कहना लोगों को समझने में दिक्कते आ रही हैं। अचानक हुई तब्दीली से लोगों में भ्रमित हैं। जबकि एेसा कुछ नहीं है। अस्पताल में 24 घंटे मरीजों का इलाज होगा। ओपीडी में भी मरीज देखे जाएंगे। अस्पताल में मरीजों के लिए सौ बेड की पर्याप्त व्यवस्था है। जिसमें डिलीवरी पेसेंट भी भर्ती कराए जाएंगे।

मेडिकल कॉलेज ने जिला अस्पताल से किया सौतेला व्यवहार
एमआईसी से मान्यता हासिल करने और भवन विहीन होने पर मेडिकल कॉलेज वर्षों से अब तक महारानी अस्पताल में शरण लिए हुआ था। महारानी अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज के तौर संसाधन, डॉक्टर, स्टॉफ इत्यादि का उपयोग किया गया। लेकिन जब शिफ्टिंग की बारी आई तो महारानी अस्पताल के सौतेला व्यवहार किया। किराएदार की सबकुछ लेकर चले गए। जबकि वैकल्पिक व्यवस्था हेतु यहां गंभीर मरीजों के लिए कुछ वेंटिलेट कुछ समय के लिए दिया जा सकता था। मालूम हो कि नर्सरी वार्ड में 18 वेंटिलेटर और सर्जिकल वार्ड में 8 वेंटिलेटर थे।

सिक्यूरिटी गार्डस और सफाई कर्मी भी ले गए
डिमरापाल मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने शिफ्टिंग के दौरान सफाई कर्मियों को भी ले गए हैं। एक भी सफाई कर्मचारियों को महारानी अस्पताल के लिए नहीं छोड़ा गया है। जिसकी वजह से इतने बड़े अस्पताल की साफ सफाई ठीक नहीं से नहीं हो पा रही है। ओपीडी में भी इसी तरह के समस्या हैं। यही मसला सिक्यूरिटी गार्ड्स को लेकर भी सामने आया है। एक भी सिक्यूरिटी गार्डस अस्पताल की सुरक्षा करने नहीं छोड़ा गया है। जिसकी वजह से यहां ड्यूटी कर रहे स्टाफ नर्स और डॉक्टरों को सुरक्षा की चिंता सता रही है। रात को अस्पताल पहुंचने वाले लोगों की वाहन चोरी होने का डर सता रहा है।

नर्सरी हुआ शिफ्ट
अस्पताल में 18 बच्चों सहित नर्सरी वार्ड भी डिमरापाल शिफ्ट कर वार्ड में ताला लगा दिया गया है। रविवार को ें केवल 4 मरीज ही भर्ती मिले। अब तक महारानी अस्पताल में एक्सरे, नि:शुल्क पैथोलॉजी लैब, सोनोग्राफी, वेंटिलेटर की सुविधाएं मिलती थी। इन मशीनों को शिफ्ट कर दिया गया है।

चार मरीज ही भर्ती किए गए
रविवार को महारानी अस्पताल में केवल 4 मरीजों को भर्ती किया गया है। जबकि अन्य वार्ड खाली पड़े है। हालांकि टेलीमेडिसीन वार्ड में मरीज इलाज करवाने लगातार पहुंच रहे हैं। मरीजों की संख्या कम होना की सबसे बड़ी वजह 102 और 108 से मरीजों को सिधे डिमरापाल अस्पताल में शिफ्ट किया जाना बताया है। वर्तमान में महारानी अस्पताल में इलाज हेतु उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से संजीवनी और महतारी के मरीज डिमरापाल में ही भर्ती किए जा रहे हैं।

चिंता की बात नहीं विशेषज्ञ डॉक्टर करेंगे इलाज
बताया जा रहा है कि डिमरापाल मेडिकल कॉलेज के शिफ्टिंग का ज्यादा असर महारानी अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाओं पर नहीं पड़ेगा। वजह महारानी अस्पताल में सबसे सिनियर और अनुभवी डॉक्टरों का मौजूद हैं। जिनमें रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर गोविंद सिंह, मेडिसिन विभाग एस नागवंशी, सर्जरी वार्ड जे गुप्ता, स्त्री रोग डॉक्टर शांति पाण्डे, आर्थोपेडिक विभाग एलएल ठाकुर, पैथोलॉजी विभाग डॉक्टर केके नाग, एेनेस्थिशिया विभाग व्ही के ध्रुव, शिशु रोग विभाग और एनआसी डॉक्टर सी मैत्री, डॉक्टर आरबी गुप्ता, सिविल सर्जन संजय प्रसाद सहित 15 नामचीन डॉक्टर मरीजों का इलाज करेंगे।

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