मौत का दोषी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर व स्टॉफ नर्स
सोनी ने इस दौरान एक नवताज बच्ची को जन्म दिया था, जो डॉक्टर व स्टाफ नर्स की लापरवाही की वजह से फिसलकर डस्टबीन में गिरकर घायल हो गई थी। बच्ची को एनएससीयू में भर्ती कराया गया था। यहां भर्ती होने के ११ वें दिन बच्ची ने दम तोड़ दिया था। डस्टबीन में गिरकर घायल होने पर बच्ची के पिता ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष मामले की शिकायत करते हुए जांच की मांग की थी। उक्त मामले की संपूर्ण जांच में नगर पुलिस बच्ची की मौत का दोषी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर व स्टॉफ नर्स की वजह से होना पाया। जिनकी लापरवाही के चलते बच्ची डस्टबीन में गिरकर घायल हुई थी, जो बच्ची की मौत की वजह बनी थी।
मानवाधिकार आयोग तक पहुंचा था मामला
डस्टबीन में बच्ची की मौत के बाद यह मामला मानवाधिकार आयोग तक पहुंचा था। आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस से निष्पक्ष जांच व दोषी पर कार्रवाई करने कहा था। इस हादसे की हर ओर निंदा हुई थी। राजनैतिक पार्टियों ने भी इस घटना को लेकर अस्पताल प्रबंधन की व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन किया गया था।
मितानिनों पर मढ़ा जा रहा था दोष
गर्भवती सोनी को मितानिन ने महारानी अस्पताल में भर्ती कराया था। मितानिन भी वहां पर मौजूद थी। इस हादसे के बाद डॉक्टर व स्टाफ नर्स मितानिन पर दोष मढ़ रहे थे। जिसके बाद इस मितानिन के समर्थन में मितानिन संघ आगे आया था। उक्त मामले में मितानिनों ने भी डॉक्टर ऑर स्टॉफ नर्स के विरूद्ध कार्रवाई करने मांग की थी।
दो साल बाद परिजन को मिला न्याय
बच्ची के पिता कालीराम व मां सोनी का कहना है कि मामले में उन्हें न्याय मिलने उन्हें दो साल तक इंतजार करना पड़ा। देर ही सही पुलिस की इस कार्रवाई से उनकी बच्ची को न्याय मिला है। उन्होंने कहा है ऐसी घटना फिर किसी के साथ न हो इसका ध्यान रखा जाए।