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2 साल बाद परिजनों को मिल न्याय, डिलवरी के दौरान डॉक्टरों ने बच्ची को गिरा दिया था डस्टबिन में, मितानिन पर मढ़ रहे थे दोष

locationजगदलपुरPublished: Jun 08, 2019 11:32:55 am

Submitted by:

Badal Dewangan

दो साल पहले अस्पताल में नवजात की हुई थी मौत, डॉक्टर-नर्स पर गैर इरादतन हत्या का केस

jagdapur

2 साल बाद परिजनों को मिल न्याय, डिलवरी के दौरान डॉक्टरों ने बच्ची को गिरा दिया था डस्टबिन में, मितानिन पर मढ़ रहे थे दोष

जगदलपुर. दो साल पहले जिला महारानी अस्पताल में डिलवरी के दौरान एक नवजात बच्ची डस्टबीन में गिर गई थी। इसके बाद उसका 11 दिन तक नर्सरी वार्ड (एनएससीयू) में इलाज चला। इसके बाद मौत उसकी मौत हो गई। दो साल पहले पत्रिका ने मामले में डॉक्टर और दो स्टाफ नर्स की लापरवाही को उजागर किया। इसके बाद जांच ने गति पकड़ी। दो साल बाद मामले में आरोपी डॉक्टर और दो स्टाफ नर्स के विरुद्ध धारा ३०४ के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। कोतवाली पुलिस के मुताबिक २० मार्च २०१६ को बिलोरी निवासी कालीराम ने अपनी गर्भवती पत्नी सोनी को महारानी अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। सोनी का ऑपरेशन ३१ मार्च को ईटर्नशिप डॉक्टर हरीश जाधव, स्टाफ नर्स हेमलता यादव व रीना यादव कर रहे थे।

मौत का दोषी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर व स्टॉफ नर्स
सोनी ने इस दौरान एक नवताज बच्ची को जन्म दिया था, जो डॉक्टर व स्टाफ नर्स की लापरवाही की वजह से फिसलकर डस्टबीन में गिरकर घायल हो गई थी। बच्ची को एनएससीयू में भर्ती कराया गया था। यहां भर्ती होने के ११ वें दिन बच्ची ने दम तोड़ दिया था। डस्टबीन में गिरकर घायल होने पर बच्ची के पिता ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष मामले की शिकायत करते हुए जांच की मांग की थी। उक्त मामले की संपूर्ण जांच में नगर पुलिस बच्ची की मौत का दोषी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर व स्टॉफ नर्स की वजह से होना पाया। जिनकी लापरवाही के चलते बच्ची डस्टबीन में गिरकर घायल हुई थी, जो बच्ची की मौत की वजह बनी थी।

मानवाधिकार आयोग तक पहुंचा था मामला
डस्टबीन में बच्ची की मौत के बाद यह मामला मानवाधिकार आयोग तक पहुंचा था। आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस से निष्पक्ष जांच व दोषी पर कार्रवाई करने कहा था। इस हादसे की हर ओर निंदा हुई थी। राजनैतिक पार्टियों ने भी इस घटना को लेकर अस्पताल प्रबंधन की व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन किया गया था।

मितानिनों पर मढ़ा जा रहा था दोष
गर्भवती सोनी को मितानिन ने महारानी अस्पताल में भर्ती कराया था। मितानिन भी वहां पर मौजूद थी। इस हादसे के बाद डॉक्टर व स्टाफ नर्स मितानिन पर दोष मढ़ रहे थे। जिसके बाद इस मितानिन के समर्थन में मितानिन संघ आगे आया था। उक्त मामले में मितानिनों ने भी डॉक्टर ऑर स्टॉफ नर्स के विरूद्ध कार्रवाई करने मांग की थी।

दो साल बाद परिजन को मिला न्याय
बच्ची के पिता कालीराम व मां सोनी का कहना है कि मामले में उन्हें न्याय मिलने उन्हें दो साल तक इंतजार करना पड़ा। देर ही सही पुलिस की इस कार्रवाई से उनकी बच्ची को न्याय मिला है। उन्होंने कहा है ऐसी घटना फिर किसी के साथ न हो इसका ध्यान रखा जाए।

कोतवाली सब इंस्पेक्टर प्रेम कुमार झा ने बताया कि, उक्त मामले में सभी पक्षों के बयान के बाद विस्तृत जांच उपरांत डॉक्टर व दोनों स्टाफ नर्स के विरुद्ध धारा ३०४ के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
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