छुट्टी, बाहर फंसे और क्वरंटाइन कर्मचारी भी दे सकेंगे सेवाएं
वर्क फ्रॉम होम की वजह से ऐसे व्यक्ति जो ऑफिस में एक तिहाई सिस्टम की वजह से नहीं पहुंच पा रहे हैं, वह घर में बैठकर अपनी सेवा दे सकेंगे। वहीं वे लोग जो छुट्टी में हैं और इनकी वजह से कुछ आम जन का कोई महत्यपूर्ण काम अटक रहा हो तो वह घर से कर सकेगा। इतना ही नहीं कोरोनाकाल में वे लोग जो लॉकडाउन में कहीं फंस गए हैं। वे भी बाहर से ही अपने जरूरी काम को कर सकेंगे।
सोशल डिस्टेसिंग के साथ सभी कर्मचारियों से ले सकेंगे काम
कोरोना वायरस को देखते हुए जिला प्रशासन का पूरा अमला इसी ओर लगा हुआ है। जिला पंचायत में भी ३०० से अधिक कर्मचारी हैं। लेकिन लॉकडाउन में एक तिहाई कर्मचारी आने से ग्रामीण विकास से जुड़े कई अहम काम लटकेंगे। रोजना सैकड़ों लोगों को राहत दिलाने वाला व ग्रामीण विकास की दशा तय करने वाला जिला पंचायत का कार्यालय फिलहाल सूनसान पड़ा है। वर्क फ्रॉम होम से काम में न केवल रफ्तार आएगी बल्कि लोगों का काम भी समय पर पूरा होगा। जिससे आम लोगों को राहत मिलेगी।
ई-ऑफिस के जरिए काम की ई-मॉनिटरिंग में भी आसानी से हो सकती है
आईटी एक्सपर्ट जमशेद अंसारी बताते हैं कि जिला पंचायत जैसे विभाग अपनी सारी जरूरी सामान सर्वर में सेव कर रखते हैं। सारे कर्मचारी इसी सर्वर में अपनी आईडी के जरिए लाूॅग इन करते हैं और अपना काम करते हैं। यह एक तरह का ई-ऑफिस ही है। इस सर्वर में कुछ तकनीकी कमांड के जरिए वे घर में भी ऑनलाइन इससे जुडक़र काम कर सकते हैं। वहीं काम का लक्ष्य वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए दिया जा सकता है। वहीं फिल्ड से लेकर ऑफिस वर्क तक की मॉनिटरिंग भी वीडियो कांफ्रेंसिंग व इंटरनेट के अन्य सुविधाओं के जरिए आसानी से किया जा सकता है। इससे लागत भी कम आती है। लॉकडाउन में कई मल्टीनेशलन कंपनियां वर्क फ्रॉम होम के जरिए अपने कर्मचारियों से काम ले रहीं है।