scriptवर्षों बाद भी बस्तर के इस इलाके के लिए नहीं निकला जल संकट का हल | Even after many years the water crisis has not been solved in bastar | Patrika News

वर्षों बाद भी बस्तर के इस इलाके के लिए नहीं निकला जल संकट का हल

locationजगदलपुरPublished: Feb 25, 2021 03:23:30 pm

Submitted by:

CG Desk

– विसंगति: शासन प्रशासन केवल योजना बना रही पर मूर्तरूप अब तक नहीं ले पाया .

Baatar water crise

वर्षों बाद भी बस्तर के इस इलाके के लिए नहीं निकला जल संकट का हल

जगदलपुर . गर्मी शुरू होने से पहले ही अब ग्राम पंचायत जोबा में पानी के लिए हाहाकार मचना शुरू हो गया है। दराअसल यह पूरा इलाका ड्राईजोन में शामिल है, जिसके चलते यहॉ सालभर चलने वाला कोई हैंडपंप है और नही कोई अन्य साधन जिसके चलते यहॉ की तकरीबन 2000 की जनसंख्या को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है।

20 वार्ड वाले इस पंचायत में एक- दो वार्ड को छोड़कर सभी वार्डो में पानी की समस्या बनी हुई है। सबसे ज्यादा दिक्क्त डोगरीगुड़ापारा में सामने आया जहॉ की जनसख्ंया तकरीबन 600 से अधिक है। वैसे तो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग यहॉ पानी पहुंचाने के लिए लगातार सर्वे आदि कर बोर खनन तो कर रहा है, लेकिन अब तक 100 से अधिक बोर का खनन हो चुका है। जिसमें से कुछ में ही पानी निकल पाया है, वो भी मार्च आते-आते सूखने लगता है और पाीन की किल्लत पंचायत में बनी रहती है।

यहां के ग्रामीण लगभग हर साल राजनेताओं व अधिकारियों से अपनी गुहार लगाते यह कहते है कि, हमें गांव में कुछ नहीं चाहिए केवल पानी की व्यवस्था करवा दो बाकी हम गांव वाले जैसे-तैसे कर लेगे। राजनेता व अधिकारी अश्वासन तो देते आ रहे है पर काम केवल सर्वे तक ही सिमटकर रह जाता है। इस गांव में सालभर पानी की सुविधा देने के लिए कोई ठोस योजना अब तक नहीं पाई है और जो बनी है वह केवल कागजों में ही चल रही है।
पानी के लिए तीन किलोमीटर का सफर
ग्रामीणों की माने तो गांव में पानी की सुविधा नहीं होने के चलते उन्हें बारिश के दिनों को छोड़कर बाकी समय पानी के लिए तीन से चार किलोमीटर का सफर रोजाना पानी के बर्तन के साथ पैदल करना होता है।
जिससे उनका अधा से ज्यादा समय केवल पानी भरने में ही निकल जाता है, पीएचई ने भी लोगों को सुविधा देने के लिए गांव से बाहर बोर खनन करवाया है जहॉ से लोग इन दिनों पीने व निस्तारी के लिए पानी लेकर आते है। ग्रामीणों की माने तो इन्ही हैंडपंपों से यदि मोटर लगातार गांव तक पानी पहुचा दिया जाए तो बेहतर होता।
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