आकाश मिश्रा की रिपोर्ट…
जगदलपुर। निरीक्षक की टॉप 10 सूची में आशीष शर्मा हैं जिन्हें 8वां स्थान मिला है। गुरुवार दोपहर व्यापमं ने इस परीक्षा के परिणाम जारी किए जिनमें दोनों युवाओं को सफलता मिली है। पूरे प्रदेश में पहले नंबर पर आने वाले गुलशन ने पत्रिका से बातचीत करते हुए कहा कि वे लगातार प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इसी तैयारी के बीच उन्होंने मंडी निरीक्षक और उप निरीक्षक के पद के लिए फार्म भरा था। अब रिजल्ट आया तो उन्होंने जहां उप निरीक्षक के पद पर पूरे प्रदेश में टॉप किया है तो वहीं उनका चयन निरीक्षक के रूप में भी हो गया है। निरीक्षक के रूप में उनका ओवर ऑल रैंक १५वां हैं। वहीं बात करें उनके कैटेगरी रैंक की तो उसमें भी वे अव्वल हैं। इस तरह देखें तो गुलशन दोनों ही पद के लिए चयनित हो चुके हैं। गुलशन की शुरुआत पढ़ाई सरस्वती शिशु मंदिर कंगोली से हुई। 11वीं-12वीं की पढ़ाई उन्होंने विशाखापट्टनम में पूरी की। इसके बाद वे इंजीनियरिंग करने के लिए रायपुर के रावतपुरा सरकार कॉलेज पहुंचे। २०१५ में उनकी पढ़ाई पूरी हुई और इसके बाद से ही वे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुट गए। गुलशन अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता किरण उइके, बुआ छाया गढ़पायले, फूफा मनीष गढ़पायले समेत सभी गुरुजनों और मित्रों को देते हैं। गुलशन स्व. प्रशांत उइके के पुत्र हैं।
जगदलपुर। निरीक्षक की टॉप 10 सूची में आशीष शर्मा हैं जिन्हें 8वां स्थान मिला है। गुरुवार दोपहर व्यापमं ने इस परीक्षा के परिणाम जारी किए जिनमें दोनों युवाओं को सफलता मिली है। पूरे प्रदेश में पहले नंबर पर आने वाले गुलशन ने पत्रिका से बातचीत करते हुए कहा कि वे लगातार प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इसी तैयारी के बीच उन्होंने मंडी निरीक्षक और उप निरीक्षक के पद के लिए फार्म भरा था। अब रिजल्ट आया तो उन्होंने जहां उप निरीक्षक के पद पर पूरे प्रदेश में टॉप किया है तो वहीं उनका चयन निरीक्षक के रूप में भी हो गया है। निरीक्षक के रूप में उनका ओवर ऑल रैंक १५वां हैं। वहीं बात करें उनके कैटेगरी रैंक की तो उसमें भी वे अव्वल हैं। इस तरह देखें तो गुलशन दोनों ही पद के लिए चयनित हो चुके हैं। गुलशन की शुरुआत पढ़ाई सरस्वती शिशु मंदिर कंगोली से हुई। 11वीं-12वीं की पढ़ाई उन्होंने विशाखापट्टनम में पूरी की। इसके बाद वे इंजीनियरिंग करने के लिए रायपुर के रावतपुरा सरकार कॉलेज पहुंचे। २०१५ में उनकी पढ़ाई पूरी हुई और इसके बाद से ही वे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुट गए। गुलशन अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता किरण उइके, बुआ छाया गढ़पायले, फूफा मनीष गढ़पायले समेत सभी गुरुजनों और मित्रों को देते हैं। गुलशन स्व. प्रशांत उइके के पुत्र हैं।
फिलहाल पटवारी के रूप में ले रहे ट्रेनिंग, फरवरी में लिखेंगे मेन्स गुलशन की यह पहली सफलता नहीं है। वे वर्तमान में पटवारी के पद पर चयनित होकर ट्रेनिंग ले रहे हैं। गुलशन पूर्व में पीएससी की परीक्षा में प्री और मेन्स क्लियर करने के बाद इंटरव्यू तक पहुंच चुके हैं। हालांकि उस वक्त कुछ ही अंकों से उनका चयन नहीं हो पाया। इसके बाद भी वे लगातार तैयारी करते रहे और वे आगामी फरवरी महीने में होने वाली मेन्स की परीक्षा में बैठने वाले हैं।
डिप्टी कलेक्टर बनने का है लक्ष्य
गुलशन ने कहा कि वे लगातार पीएससी की तैयारी कर रहे हैं। मेन्स की परीक्षा फरवरी में होने वाली है जिसके लिए उनकी मेहनत जारी है। गुलशन कहते हैं कि पिछली बार जब इंटरव्यू में जाने के बाद उन्हें सफलता नहीं मिली तो वे निराश नहीं हुए बल्कि दोगुने जोश के साथ फिर से तैयारी में जुट गए । वे कहते हैं कि उनका लक्ष्य डिप्टी कलेक्टर बनने का है और उन्हें विश्वास है उनका यह सपना एक दिन जरूर पूरा होगा।
गुलशन ने कहा कि वे लगातार पीएससी की तैयारी कर रहे हैं। मेन्स की परीक्षा फरवरी में होने वाली है जिसके लिए उनकी मेहनत जारी है। गुलशन कहते हैं कि पिछली बार जब इंटरव्यू में जाने के बाद उन्हें सफलता नहीं मिली तो वे निराश नहीं हुए बल्कि दोगुने जोश के साथ फिर से तैयारी में जुट गए । वे कहते हैं कि उनका लक्ष्य डिप्टी कलेक्टर बनने का है और उन्हें विश्वास है उनका यह सपना एक दिन जरूर पूरा होगा।