भूखे पेट ही सोना पड़ा
मंगलवार रात कई जिले के खिलाडिय़ों को भूखे पेट ही सोना पड़ा। खिलाडिय़ों के लिए हर जिले के प्रभारी को अतिरिक्त खर्च के लिए फंड दिया गया था लेकिन कई जिलों के प्रभारियों ने इस फंड को खर्च नहीं किया और खिलाडिय़ों को भूखा सोना पड़ा। सिर्फ सुकमा जिले के कोंटा से आए बच्चों को ही उनके प्रभारी अधिकारी होटल में खाना खिलवाने के लिए ले गए।
बाकी जिलों के बच्चों को भूखा सोना पड़ा। इधर मंगलवार की रात को हुई इस शिकायत की जानकारी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल की जा रही है। इससे पहले भी कई दफा शालेय खेल स्पर्धा में भी अव्यवस्थाएं होने की बात विभागीय स्तर पर दबा दी जाती है। इस दफे यदि चक्का जाम की नौबत नहीं आती तो यह बात भी आई गई हो जाती। ऐसी प्रथा को रोकना होगा।
खाने की गुणवत्ता में सुधार नहीं होने से नाराज हुए खिलाड़ी
बुधवार को खिलाडिय़ों के लिए खाने की व्यवस्था सुधारने के दावे किए गए। लेकिन खिलाडिय़ों ने बताया कि खाने की मात्रा तो बढ़ा दी गई है लेकिन खाने की क्वालिटी जस की तस है। खाने की गुणवत्ता में सुधार नहीं होने की वजह से भी कुछ खिलाड़ी बुधवार को नाराज नजर आए। हालांकि कुछ का कहना था कि सरकारी आयोजन है इसलिए हम ज्यादा उम्मीद नहीं कर रहे। बस पेट भर जाए इतना ही काफी है।