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कोरोना के कहर के बीच इस चीज भी ने तोड़ दी किसानों की कमर, खड़ी फसल और सब्जियां हो गई चौपट, अगर मुआवजा नहीं मिला तो…..

locationजगदलपुरPublished: Apr 29, 2020 03:41:20 pm

Submitted by:

Badal Dewangan

बारिश की वजह से फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है।

कोरोना के कहर के बीच इस चीज भी ने तोड़ दी किसानों की कमर, खड़ी फसल और सब्जियां हो गई चौपट, अगर मुआवजा नहीं मिला तो.....

कोरोना के कहर के बीच इस चीज भी ने तोड़ दी किसानों की कमर, खड़ी फसल और सब्जियां हो गई चौपट, अगर मुआवजा नहीं मिला तो…..

जगदलपुर. कोरोना महामारी संकट के बीच सोमवार को हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। दो घंटे तक के हवा, बारिश व ओला वृष्टि ने सब्जियों की खड़ी फसल को नष्ट कर दिया है। लॉकडाउन के चलते किसान खेतों में लगी अपनी फसलों को न तो काट पा रहे हैं न ही वे उसे लेकर बाहर मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे है। रही सही कसर बारिश ने पूरी कर दी। बारिश ने किसानों की पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया है। कृषि विभाग और राजस्व महकमा नुकसान का आंकलन करने जुटा है।

इस प्रकार किसानों ने बताई अपनी पीड़ा
मोरठपाल के किसान झीटका मौर्य ने बताया कि करीब 7- 8 एकड़ में सब्जियों की खेती करते हैं। इस समय वह अपने खेत में भिंडी, बरबट्टी, मूली व भाजी लगाया था। बारिश में वह खराब हो गई।

टमाटर, करेला की फसल पूरी तरह से चौपट
पलवा के किसान लक्षीननाथ ने तीन एकड़ में टमाटर, लौकी, करेला और कद्दू लगाया हुआ है। बारिश की वजह से फसल को नुकसान हुआ है। लक्षीननाथ ने बताया कि लोकल बाजार में लौकी, कद्दू का रेट बहुत कम है। वहीं लॉकडाउन की वजह से बाहर दूसरे जिले के मंडिय़ों में सब्जी बेचने नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में लौकी को तोड़ ही नहीं रहे हैं। उसे खेते में ही पशुओं के चरने के लिए छोड़ दिए हैं। बाकि सब्जियों से कमाई की उम्मीद थी जो बारिश में धुल गई।

मुआवजा नहीं मिला तो कर्ज में डूब जाएंगे किसान
कुम्हली के किसाने कमल गजभिये ने 25 एकड़ खेत में भिंडी, टमाटर, बरबट्टी और मिर्च लगाया। बारिश की वजह से फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है। वहीं भिंडी और मिर्च को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। दरअसल इस दौरान सब्जियों की सही किमत नहीं मिल पा रहा है। ऊपर से मजदूर और बाजार तक पहुंचाने में अलग से खर्च हो रहा है।

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