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अगर आप भी करना चाहते हैं इनोवेटिव खेती, तो ऐसे मिल सकता हैं 5 से 25 लाख तक का अनुदान

locationजगदलपुरPublished: Jul 08, 2019 03:53:07 pm

Submitted by:

Badal Dewangan

इंदिरा गांधी कृषि विवि (Indira Gandhi Agricultural University) में योजना के संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया गया, बताया नवाचार एग्री इनोवेटर्स और एग्री स्टार्टअप योजना के तहत मिलेगा फायदा
 

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अगर आप भी करना चाहते हैं इनोवेटिव खेती, तो ऐसे मिल सकता हैं 5 से 25 लाख तक का अनुदान

जगदलपुर. अगर आप इनोवेटिव खेती करते हैं या करना चाहते हैं तो इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (Indira Gandhi Agricultural University) इसमें आपकी मदद कर सकता है। अभिनव एवं उत्भव एग्री इनोवेटर्स और एग्री स्टार्टअप योजना के तहत इनोवेटिव खेती करने वाले युवा या कृषि के छात्र को हर महीने 10 हजार रुपए का स्टायफंड और 5 से 25 लाख रुपए का अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। इसी विषय को लेकर पिछले दिनों कुम्हरावंड स्थित शहीद गुंडाधुर कृषि महाविद्यालय में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

भारत सरकार द्वारा समर्थित एवं वित पोषित कृषि इन्क्यूबेटर कार्यक्रम के लिए ऑनलाइन आवेदन 1 से 20 जुलाई तक किए जाने हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और महाविद्यालय के डीन डॉ. एससी मुखर्जी ने बताया कि बस्तर क्षेत्र में विभिन्न कृषि उत्पाद का उत्पादन भरपुर मात्रा में हो रहा है और केवल सप्लाई को डिमांड के अनुरूप नियमित रखने की आवश्यकता है। डॉ. डीएस ठाकुर ने कृषकों को मार्गदर्शन देते हुए बताया की स्व-सहायता समुहों की सफलता स्व-सहायता समुहों के निर्माण के उपर निर्भर करती है। समुह निर्माण निर्धारित नाम्र्स के अनुरूप ही करना चाहिए। उप-संचालक कृषि कपिल देव (kapil dev) दीपक ने कृषकों को समय के अनुरूप मार्केटिंग पैटर्न पर जोर देने की बात करते हुए बताया कि बाजार में इमली व काजू जैसे उत्पाद तभी ले जाना चाहिए जब दाम अनुकुल हों। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र में उत्पादित जिमीकंद अचार, केउकंद अचार, कटहल अचार, इमली सॉस, आम का जैम एवं अचार का प्रमोशन भी किया गया।

कार्यशाला में ये रहे मौजूद
मुख्य अतिथि डॉ. एससी मुखर्जी डीन कृषि कॉलेज, विशिष्ट अतिथि डॉ. डीएस ठाकुर डीन उद्यानिकी कॉलेज कपिल देव दीपक, उप-संचालक कृषि, डॉ. एसके नाग, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केन्द्र बस्तर, वैज्ञानिक डॉ. जीवन सलाम, डॉ. एचके पात्रा, डॉ. सोनाली कर, राहुल साहू, लेखराम वर्मा व अन्य मौजूद थे।

किसानों को फॉल आर्मी वर्म के बारे में भी बताया
कार्यशाला के दौरान किसानों और कृृषक समुह को क्षेत्र में विस्तारित कीट फॉल आर्मी वर्म की विस्तृत रूप से पहचान एवं निदान संबंधी जानकारी कीट वैज्ञानिक धर्मपाल केरकेट्टा ने दी।

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