गौरतलब है कि जेडीए में पूर्ववर्ती सरकार के अंतिम छह माह में किए गए कार्यों में कथित रूप से भ्रष्टाचार किए जाने के आरोप में एसीबी की ओर से जेडीए के पूर्व चेयरमैन राजेन्द्र सिंह सोलंकी के खिलाफ एसीबी जयपुर में चार एफआईआर दायर कराई गई थी। इसी प्रकार जेडीए के निदेशक अभियांत्रिकी केके माथुर के खिलाफ भी तीन एफआईआर दायर कराई गई। इनमें गिरफ्तारी से बचने के लिए दोनों की ओर से हाईकोर्ट में सीआरपीसी की धारा 438 के तहत क्रमश: चार व तीन अग्रिम जमानत आवेदन दायर किए गए थे, जिनकी सुनवाई जस्टिस पीके लोहरा की अदालत में मंगलवार को पूरी हो गई।
जस्टिस लोहरा ने सुनवाई के बाद दोनों के मामले में 21 अप्रेल तक के लिए निर्णय सुरक्षित रख लिया। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से राजकीय अधिवक्ता शिवकुमार व्यास ने डिप्टी गवर्नमेंट एडवोकेट विक्रम सिंह राजपुरोहित व अन्य के साथ एसीबी अधीक्षक अजय लांबा की उपस्थिति में पक्ष रखा।