scriptबस्तर में इस साल 4062 हेक्टेयर में की जाएगी सुगंधित धान की खेती | Fragrant paddy will be cultivated in 4062 hectares this year in Bastar | Patrika News
जगदलपुर

बस्तर में इस साल 4062 हेक्टेयर में की जाएगी सुगंधित धान की खेती

किसान 4000 से 4500 रुपए प्रति क्विंटल बेच पाएंगे पैदावार
लगातार हर साल बढ़ रहा सुगंधित धान का रकबा
जगदलपुर। बस्तर जिले में सुगंधित धान की खेती को बढ़ावा देने की कोशिश लगातार सफल हो रही है। कृषि विभाग किसानों को समझाइश देने के साथ ही प्रोत्साहित कर रकबे को बढ़ाने में सफल रहा है। कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिकों की मेहनत भी रंग ला रही है।

जगदलपुरMay 27, 2022 / 07:36 pm

Suresh Das

paddy

जिले में सुगंधित धान की खेती करने किसान आगे आ रहे हैं और फसल का रकबा हर साल बढ़ रहा है।

जिले में सुगंधित धान की खेती में हो रहे फायदे को देखते हुए किसान अब इसकी खेती करने के लिए आगे आ रहे हैं। सुगंधित धान की खेती के साथ ही अन्य वेरायटी के सुगंधित धान की खेती करें इसके लिए कृषि महाविद्यालय के पांच वैज्ञानिक धान की नई किस्म विकसित करने में लगे हुए हैं। इस साल सुगंधित धान की खेती का लाभ देखते हुए इसके रकबे में बढ़ोतरी की गई है. अधिकारियों की मानें, तो पिछले साल इसकी खेती 1550 हेक्टेयर में हुई थी, लेकिन इस साल 4062 हेक्टेयर में की जाएगी। सुगंधित धान की खेती के साथ ही अन्य वेरायटी के सुगंधित धान की खेती करें, इसके लिए कृषि महाविद्यालय के पांच वैज्ञानिक धान की नई किस्म विकसित करने में लगे हुए हैं। कृषि वैज्ञानिकों की इस टीम में डॉ. सोनाली कर, डॉ. आरएस नेताम, एनसी मंडावी और डॉ. मनीष कुमार और डॉ. राजाराम पवार शामिल हैं।
बता दें कि ये वही वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने बस्तर धान-1 किस्म को विकसित किया था. इस किस्म को विकसित करने में करीब 6 साल का समय लगा था। जिनके प्रयास की बदौलत आज जिले में सुगंधित धान की खेती करने किसान आगे आ रहे हैं और फसल का रकबा हर साल बढ़ रहा है। सुगंधित धान का बीज लैम्प्स के माध्यम से किसानों को भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
– दुबराज से ढाई गुना ज्यादा उत्पादन है सुगंधित धान काकृषि वैज्ञानिक सोनाली कर ने बताया कि छग सुगंधित धान और आने वाली नई किस्म के सुगंधित धान खेती करने के बाद किसान इस धान के चावल को आसानी से 4000- 4500 रुपए प्रति क्विंटल के रेट पर बेचकर इसका फायदा उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब तक दुबराज, बादशाहभोग और जवा फूल का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 12-15 क्विंटल होता है, जबकि छत्तीसगढ़ सुगंधित धान का उत्पादन 25- 30 क्विंटल तक होता है।
फसल परिवर्तन में सुगंधित धान को भी शामिल किया गया है, किसानों का रुझान बढ़ने से जिले में सुगंधित धान का रकबा बढ़ा है। इस साल 4062 हेक्टेयर में सुगंधित धान की फसल का लक्ष्य है।
– एस. सेवता, उप संचालक कृषि विभाग

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