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बस्तर विवि के 40 हजार से ज्यादा छात्रों को देनी होगी परीक्षा, जनरल प्रमोशन का 10 हजार को ही फायदा

locationजगदलपुरPublished: Jun 05, 2020 02:28:41 pm

Submitted by:

Badal Dewangan

प्रथम, द्वितीय वर्ष वाले 10 हजार छात्रों को छूट और अंतिम वर्ष के करीब 4 हजार नियमित छात्र देंगे परीक्षा, प्राइवेट छात्रों की संख्या 36 हजार के करीब जिन्हें परीक्षा में बैठना ही होगा

बस्तर विवि के 40 हजार से ज्यादा छात्रों को देनी होगी परीक्षा, जनरल प्रमोशन का 10 हजार को ही फायदा

बस्तर विवि के 40 हजार से ज्यादा छात्रों को देनी होगी परीक्षा, जनरल प्रमोशन का 10 हजार को ही फायदा

जगदलपुर. उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों को जनरल प्रमोशन देते हुए अगली कक्षा में भेज दिया है। सिर्फ अंतिम वर्ष के छात्रों को ही परीक्षा देनी होगी। यह छूट सिर्फ नियमित छात्रों पर ही लागू होगी। यानी विश्वविद्यालय के प्राइवेट छात्र जनरल प्रमोशन के दायरे से बाहर हैं। बात करें बस्तर विश्वविद्यालय की तो यहां के १०५९१ छात्रों को परीक्षा में बैठने से छूट दी गई है और 39910 छात्रों को परीक्षा देनी होगी। इस साल बस्तर विवि से परीक्षा देने वाले छात्रों की कुल संख्या ५०५०१ है। परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्य में करीब ३६ हजार छात्र प्राइवेट के हैं और महज साढ़े तीन हजार ही अंतिम वर्ष के नियमित छात्र हैं। इस तरह देखें तो जनरल प्रमोशन का छात्रों को ज्यादा फायदा नहीं मिल पाया है। प्राइवेट छात्र भी अब जनरल प्रमोशन की मांग करने लगे हैं।

विवि को करनी होगी पहले जैसी तैयारी
बस्तर विश्वविद्यालय प्रबंधन के अफसरों ने दबी जुबान में यह कहा कि जनरल प्रमोशन का ना ही छात्रों को ज्यादा फायदा होगा और ना ही विश्वविद्यालयों को क्योंकि विवि प्रबंधन को परीक्षा करवाने के लिए पूरी तैयारी करनी होगी। सिर्फ 10 हजार छात्रों को छूट देने से तैयारियों पर कोई ज्यादा असर नहीं पडऩे वाला है।

जनरल प्रमोशन की गाइड लाइन पर शासन से पत्राचार शुरू जनरल प्रमोशन को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने जो गाइड लाइन जारी की है उसे लेकर सभी विश्वविद्यालयों में माथा-पच्ची जारी है। किसी भी विश्वविद्यालय के पास गाइड लाइन के मुताबिक छात्रों को प्रमोट करने का अधिकार नहीं है। ऐसे में अब विवि के संविधान में संशोधन की जरूरत महसूस की जा रही है। जिन विषय के छात्रों के प्रैक्टिल अंक होते ही नहीं उन्हें कहां से यह अंक मुहैया करवाए जाएं इस पर माथा-पच्ची जारी है।
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