येे सभी युवक ऐसे स्कूलो में नियुक्त किये जायेंगे जहां शिक्षको का अभाव है इसमे भी स्थानीय ग्राम पंचायत के 12 वीं पास अथवा डीएड/बीएड शिक्षित बेरोजगार युवाओ को प्राथमिकता दी जायेगी। इसका सर्वाधिक लाभ जिले के उन संवेदनशील माओवादी ़क्षेत्र की शालाओं को भी मिलेगा जहां नियुक्ति के पश्चात भी शिक्षक उपस्थित नही रहते अथवा दूरस्थ क्षेत्र के शिक्षक आना नहीं चाहते प्रशासन के इस कदम से एक तो पहला शिक्षकों की कमी दूर होगी दूसरा स्थानीय शिक्षित बेरोजगार युवाओ को कार्य करने का अवसर मिलेगा। इस प्रकार यह आशा की जा सकती है कि अब शालाओ में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा विद्यार्थियों को उपलब्ध होगी।
शिक्षा विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार लम्बे समय से शिक्षको के रिक्त पदो की पूर्ति नही होने एंव शिक्षको के कमी के कारण गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए समस्त शालाओ में नार्मस के अनुरूप अध्यापन कार्य हेतु टयूटर रखे जाने का प्रस्ताव किया गया है। इसके अनुसार 583 टयूटर जिले के सभी विकासखण्डो में नियुक्त होगें इनमें माकड़ी विकासखण्ड में 105, फरसगांव में 78, कोण्डागांव में 303, बड़ेराजपुर में 34, केशकाल मे 63 नियुक्तियां की जायेंगी। नियम और शर्ते प्राथमिक माध्यमिक और हाईस्कूल के लिए अलग अलग निर्धारित है। प्राथमिक शालाओ के अभ्र्यिर्थयों के चयन का आधार 12 वीं के प्राप्ंताकों पर किया जायेगा। इसी प्रकार माध्यमिक शालाओ एंव हाई स्कूल स्तर पर डी.एड/बी.एड एंव विज्ञान गणित विषय वाले स्थानीय ग्राम पंचायत स्तर के अभ्यर्थियो को प्राथमिकता दी जायेगी।
वांछित आवेदक नहीं मिलने पर निकटतम पंचायत एंव अन्य ब्लाक के अभ्यर्थियों को नियुक्त किया जा सकता है। इसके अलावा प्राथमिक शालाओ हेतु मानदेय प्रतिदिवस 150 रूपये, माध्यमिक शालाओ हेतु 225 रूपये एंव हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी हेतु 340 रूपये देय होगा। सभी टयूटरों की अध्यापन अवधि मार्च 2018 तक रहेगी और यह पूर्णत: वैकल्पिक व्यवस्था के अतंर्गत है। नवपदस्थ कलेक्टर नीलकण्ठ टीकाम के पदस्थापना के साथ ही शिक्षा स्वास्थ्य एंव अधोसंरचना जैसे विषयों को प्राथमिकता देने की बात कही जा चुकी है।