scriptबस्तर का मशहूर पर्व गोंचा 30 जून से, जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा के तर्ज पर होता है आयोजन | Goncha famous festival of Bastar organized as Puri's Rath Yatra | Patrika News

बस्तर का मशहूर पर्व गोंचा 30 जून से, जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा के तर्ज पर होता है आयोजन

locationजगदलपुरPublished: Jun 24, 2022 07:25:19 pm

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CG Desk

बस्तर के प्राचीन महापर्व गोंचा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 30 जून से होगा पर्व शुरू। पढ़ें पर्व की पूरी पौराणिक कहानी।

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जगदलपुर। बस्तर के मशहूर पर्व गोंचा के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। 27 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व के लिए रथ निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जगदलपुर के सिरहासार भवन के सामने रथ का निर्माण किया जाता है जो 20 फीट लंबा और करीब 14 फीट चौड़ा होता है। 1 जुलाई को भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और बलभद्र के विग्रहों के साथ रथ की नगर परिक्रमा करवाई जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार रथ का निर्माण साल की लकड़ी से किया जाता है। बस्तर में यह पर्व बेहद पुराना है और इसका ऐतिहासिक महत्व भी है। गोंचा पर्व में नगर में रथ परिक्रमा करवाने की परंपरा पिछले 613 साल से जारी है।

सालों से चल रही इस गोंचा पर्व के लिए उमरगांव के ग्रामीण रथ का निर्माण करते हैं। प्रति वर्ष इस गावं के ग्रामीण पर्व से हफ्ते भर पहले रथ के निर्माणकार्य के लिए गाओं से आते हैं और रथ का निर्माण करते हैं। ग्रामीणों ने बताया की क्षेत्र में ऐसी मान्यता है की जब देवी सुभद्रा ने श्री कृष्ण से द्वारिका भ्रमण की इच्छा जाहिर की थीं, तब श्री कृष्ण और बलराम उन्हें अलग-अलग रथ में बैठकर द्वारिका भ्रमण करवाते थे। ऐसी मान्यता है की उसी स्मृति में हर साल ओडिशा के जगन्नाथ पुरी में भी रथ यात्रा का आयोजन होता है।

ऐसा माना जाता है की जगन्नाथ पुरी के तर्ज पर ही बस्तर में भी रथ यात्रा का आयोजन होता है, जिसे क्षेत्रीय लोगों ने गोंचा पर्व का नाम दिया गया है।
बस्तर में गोंचा पर्व समिति भी बनायीं गई है जो इस महापर्व का पूरा देख-रेख करता है। समिति के एक सदस्य ने बताया कि, गोंचा की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। सबसे पहले 30 जून को नेत्रोत्सव पूजा विधान और फिर 1 जुलाई को गोंचा रथ यात्रा पूजा विधान का कार्यक्रम होगा। बस्तर के लोकप्रिय पर्व गोंचा में नए रथ सहित तीन अन्य रथ होते हैं जिस पर भगवान जगन्नाथ, माता सुभद्रा और बलभद्र स्वामी की प्रतिमाओं को विराजमान कर परिक्रमा करवाई जाएगी।

ये आयोजन होंगे गोंचा में-
-30 जून को नेतृत्व पूजा विधान होगा।
-1 जुलाई को श्रीगोंचा रथ यात्रा पूजा विधान।
-4 जुलाई को अखंड रामायण का पाठ होगा।
-5 जुलाई को हेरापंचमी पूजा विधान सम्पन्न किया जाएगा।
-6 जुलाई को निःशुल्क सामूहिक उपनयन संस्कार और छप्पन भोग का आयोजन किया जाएगा।
-9 जुलाई को बाहुड़ा गोंचा पूजा विधान का आयोजन होगा।
-10 जुलाई को देवशयनी पूजा विधान होगा।

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