जिले में 17 मई से 16 जून तक मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का संचालित किया गया, जिसमें सर्वे किये गये कुल घर, स्कूल, आश्रम, छात्रावास, पोटाकेबिन अर्द्धसैनिक बलों के कैंप आदि की संख्या 25 हजार 500 है, जिसमें 1 लाख 41 हजार 891 लोगों की मलेरिया जांच की गयी। जिले को प्राप्त 1 लाख 41 हजार 731 में से जिसमें 1 लाख 41 हजार 891 लोगों की मलेरिया जांच कर लक्ष्य पूर्ण किया जा चुका है। जांच के दौरान कुल2 हजार 566 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाये गये, जिसमें वयस्क पुरूष 403, वयस्क महिला 472, 0 से 1 वर्ष के 110, 1 से 4 वर्ष के 559, 5 से 8 वर्ष के 559, 9 से 14 वर्ष के 463 पॉजिटिव पाये गये। वहीं 17 गर्भवती महिलायें पॉजिटिव मिली। इसी प्रकार ऐसे मलेरिया पॉजिटिव जिन्हें रेफर किया गया उनकी संख्या 19 है। अभियान के दौरान 477 घरों में मलेरिया के लार्वा पाये गये। जांच के दौरान 234 लोग टीबी रोग से ग्रसित पाये गये और 181 लोगों के बलगम जांच हेतु लिया गया। मोतियाबिंद सर्वेक्षण के दौरान 730 लोगों को कम दिखायी देने की शिकायत प्राप्त हुई। वहीं 76 लोगों ने दिखायी नहीं देना बताया। जांच के दौरान 414 लोगों ने 6 सप्ताह से अधिक खुजली होने की भी जानकारी दी।
लक्ष्य के अतिरिक्त भी जारी रहेगा मलेरिया जांच मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान की शुरुआत 17 मई से हुई है। जिले में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया लेकिन जिले में यह अभियान अभी चलता रहेगा, लक्ष्य के अतिरिक्त लोगों की मलेरिया जांच की जाएगी। ओरछा ब्लाक के अबूझमाड़ क्षेत्र में जहां घने जंगल और पहाड़ से घिरा क्षेत्र है उस क्षेत्र में हम प्राथमिकता से पहुंच रहे हैं, हमारी टीम जिले के अंतिम व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ पहुचाने कृतसंकल्पित हैं, उन तक पहुँचने घने-जंगलों, उबाड-खाबाड़ रास्तों को पार कर पहुँच रही है। इस अभियान को शत-प्रतिशत पूर्ण करने के लिए कलेक्टर द्वारा दलों का गठन किया गया है। इस प्रकार सभी दलों में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकताओं के साथ मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लोगों की मलेरिया की सघन जांच कर रहे है।