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हर साल होली याद आती है 55 जवानों की शहादत, सोते हुए जवानों पर नक्सलियों ने बरसाए थे पेट्रोल बम

locationजगदलपुरPublished: Mar 20, 2019 11:34:39 am

Submitted by:

Deepak Sahu

देश में रंगों के पर्व होली का उल्लास है, लेकिन छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक ऐसा इलाका भी है जहां के लोग होली का नाम सुनकर भी सिहर उठते हैं।

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हर साल होली याद आती है 55 जवानों की शहादत, सोते हुए जवानों पर नक्सलियों ने बरसाए थे पेट्रोल बम

जगदलपुर. देश में रंगों के पर्व होली का उल्लास है, लेकिन छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक ऐसा इलाका भी है जहां के लोग होली का नाम सुनकर भी सिहर उठते हैं। दरअसल मार्च 2007 में होली से चंद रोज पहले ही रानीबोदली में माओवादियों ने उस वक्त के सबसे बड़े हमले को अंजाम दिया था।12 साल पहले हुए इस हमले का पैटर्न उड़ी में हुए आतंकी हमले जैसा ही था। माओवादी रात में आए और सो रहे जवानों पर पेट्रोल बम फेंक कर उन्हें जिंदा जला दिया था।


बीजापुर जिला मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर बसे रानीबोदली गांव के बाशिंदों के लिए होली की तारीख नजदीक आते ही जख्म फिर से ताजे हो जाते हैं और यह जख्म किसी और ने नहीं बल्कि लोकतंत्र की मुखालफत करने वाले माओवादियों ने ही दिए हैं। मार्च 2007 रानी बोदली में देश का पहला और सबसे बड़े नक्सली हमले की दास्तां आज भी रानीबोदली के लोगों के जहन में कैद है। हर साल होली की तारीख नजदीक आते ही उस खूनी मंजर को याद कर ग्रामीण सिहर उठते हैं। 55 जवानों की शहादत का मंजर अपनी आंखों से देख चुके ग्रामीण होली की खुशियों के बीच खुद को दुखी पाते हैं।

करीब पांच सौ माओवादियों के इस हमले से हड़कंप मच गया। हमलावर नक्सलियों ने पहले तो मोर्चे पर तैनात जवानों को अपना निशाना बनाया। उसके बाद कमरों में सो रहे जवानों को बाहर से बंद कर अंदर पेट्रोल बम फेंक दिया। इस हमले में 56 में से 55 जवान शहीद हो गए थे। नक्सलियों ने इस हमले में बेरहमी से जवानों की हत्या कर दी थी। बताया जाता है कि इस हमले में माओवादियों को भी बड़ा नुकसान हुआ था। जवानों की जवाबी कार्रवाई में नौ माओवादी भी मारे गए थे।यह देश का पहला और सबसे बड़ा माओवादी हमला था।

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