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दो रसूखदारों को लाभ पहुंचाने ग्रामीण क्षेत्र को शहरी बताकर इन अधिकारियों ने खेला 250 करोड़ का काला खेल

locationजगदलपुरPublished: Aug 07, 2019 03:44:19 pm

Submitted by:

Badal Dewangan

Jagdalpur-Rawaghat Rail Project में शहर से सटे पल्ली गांव के आसपास 108 खाता धारकों में केवल दो रसूखदारों को लाभ पहुचाने की कूटरचना

Jagdalpur-Rawaghat Rail Project

दो रसूखदारों को लाभ पहुंचाने ग्रामीण क्षेत्र को शहरी बताकर इन अधिकारियों ने खेला 250 करोड़ का काला खेल

जगदलपुर. Jagdalpur-Rawaghat Rail Project में 108 खाते धारकों में केवल दो रसूखदारों बली नागवंशी और निलीमा टीव्ही रवि को लाभ पहुंचाने अफसरों ने नियम विरूद्ध जाकर कूटरचना की और ग्रामीण क्षेत्र को शहरी बताकर करोड़ों रुपए का लाभ पहुंचाया। बली नागवंशी को ७.७९ करोड़ रुपए की जगह 70.62 करोड़ रुपए और ४.८० करोड़ रुपए के बजाए २०.८० करोड़ का मुआवजा दिलवाया है। इस स्कैम के लिए दोषी ११ अधिकारियों पर अब एफआईआर के बाद इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस फाइल खंगाल रही है।

गौरतलब है कि जगदलपुर तहसील में कुल 108 खातो में भु-अर्जन कि कार्रवाई की गई। इनमे से 15 खाते ऐसे थे जिनमें एक से अधिक खसरे अर्जित हुए और इन 15 खातो में से केवल 2 खातों में प्रत्येक खसरे को अलग मानते हुए गणना कि गई। बाकी अन्य खातो में एक से अधिक अर्जित खसरा नंबर होने के बावजुद इसको एक ही खाता मानकर गणना कि गई। जिन 2 खातो के लिए मार्गदर्शिक सिद्धांत को उल्लंघन किया गया। वह खाते बलि नागवंशी व निलीमा टीव्ही रवि की है। कुल खसरा नंबर 35 का पृथक – पृथक गणना किया गया। जो बाजार मूल्य मार दर्शिका सिद्धांत के प्रावधानों के विपरीत था।

दो को लाभ पहुंचाने जमीन की गणना में भी गड़बड़ी
गणनाकर्ताओ ने कंगोली के 7 खातो घाटपदमूर के 3 तथा अघनपुर के 3 खातो में जहां एक से अधिक खसरा नंबर अर्जित हुए हैं। उनमे सिद्धान्त का पालन करते हुए एक खाते की गणना एक चक में की गई है। किन्तु केवल 2 ही खातो में स्पष्ट रूप से उल्लंघन करते हुए गणना की गई। भू-अर्जन धारा 20-ए रेल्वे अधिनियम के अन्तर्गत भू-अर्जन हेतु प्रपत्र दस तैयार किया गया। इसमें निलीमा टीव्ही रवि व बलिनागवंशी के खाते के संर्दभ में सभी को एक ही खाते में अंकित करते हुए पूर्ण रकबा को एक चक में गणना करते हुए दर्शाया गया। ग्रामीण क्षेत्र की जमीन को शहरी बताकर मुआवजा राशि में करोड़ों रुपए का बंदरबांट किया गया। बलि नागवंशी को ७.७९ करोड़ रुपए की जगह ७०.६२ करोड़ रुपए और ४.८० करोड़ रुपए के बजाए २०.८० करोड़ का मुआवजा दिलवाया गया।

इन पर कूटरचना का है आरोप
इस कूटरचना में पूर्व Additional Collector हीरालाल नायक (IAS), तत्कालीन SDM सियाराम कुर्रे, Tehsildar दीनदयाल मण्डावी, revenue inspector अर्जुन श्रीवास्तव, deputy registrar clerk in charge कौशल ठाकुर, Patwari धर्मनारायण साहु, इरकॉन कंपनी के अधिकारी सुरेश बी मिताली, एआर मूर्ति, Forest officer जीआर राव, भूस्वामी बली नागवंशी व नीलिमा टीव्ही रवि के विरूद्ध पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है।

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