डिजिटल माध्यम का गलत प्रयोग करने से भी बाज नहीं आ रहे
इन अफवाहों का असर इस कदर हुआ कि इस डेढ़ घंट में बिजली विभाग के पास सैकड़ों फोन पहुंच गए। वहीं अन्य लोग कोंटा से लेकर कांकेर तक के रिश्तेदारों को फोन कर इसकी असलियत जानने में लग गए। इस डिजीटल दौर में देश विदेश के करोड़ों लोगों तक अपनी बात पहुंचाना आसान हो गया है। लेकिन लोग इस माध्यम का गलत प्रयोग करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।
इसे माओवादी वारदात से जोड़ दिया
शुक्रवार को लाइट गोल होते ही सोशलमीडिया वाट्सअप, फेसबुक से लेकर अन्य माध्यमों में अपनी परेशानी जाहिर की। लेकिन यहां भी शरारती तत्व फेक न्यूज वायरल करने से बाज नहीं आए। किसी ने यहां ब्लैक आउट होने की जानकारी दी, तो कुछ ने किरंदूल सब स्टेशन के खराब होने की बात लिखी। कुछ ने तो इसे माओवादी वारदात से जोड़ दिया। यह खबर पूरे डेढ़ घंटे तक सोशल मीडिया में घुमती रही।
इसकी वजह से इसमें आग भी लग गई
इन अफवाहों की ताकत इतनी रही की जो लोग यहां सहीं जानकारी भी दे रहे थे, उन पर भी भारी पड़ गई। नतीजतन सारे लोग घबरा गए। जबकि असल बात यह थी कि भिलाई के बिजली सब स्टेशन में गर्मी के चलते यहां के ४ से ५ ट्रांसफार्मर में खराबी आ गई। इसकी वजह से इसमें आग भी लग गई।
इसकी विश्वसनीयता की पहचान जांच लें
इसके चलते बस्तर के सभी ७ जिले और रायपुर, दुर्ग, बालेाद, बेमेतरा, राजनांदगांव और क्वर्धा में बिजली सप्लाई बंद हो गई थी। इसलिए जरूरी है कि ऐसी अफवाहों पर रोक लगाने और इस तरह की फेक न्यूज को वायरल करने के पहले इसकी विश्वसनीयता की पहचान जांच लें।