पिता के साथ हल चलाती है बेटियाँ
बचपन से ही पिता को कृषि कार्य के दौरान हल चलाते देख दोनों बहनों को भी उनके साथ काम करने का शौक था और समय मिलते ही हल चलाने की कोशिश करते थे और आज दोनों अपने पिता के पीछे अपने खेत में कृषि कार्य कर बहुत खुश हैं।
स्कूल न जा पाने का मलाल
इस क्षेत्र में अधिकांश बच्चे शिक्षा से वंचित है क्योंकि यह इलाका वर्षों से नक्सलियों का गढ़ रहा है किसी सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में अधिकारियों के पसीने छूट जाते थे नक्सलियों का खौफ इस कदर था कि यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव आज भी देखा जा सकता है ये दोनों बहनें भी इसी भय युक्त वातावरण में बढ़ी और स्कूली शिक्षा से वंचित रही।
बेटों से अधिक जिम्मेदार व मेहनती हैं बेटियाँ
इनके पिता जोगा बताते हैं कि उनके 3 बेटे हैं लेकिन एक बेटा बड़ा जो घर के कामों से दूर भागता है तो वहीं 2 छोटे बेटे पढ़ाई कर रहे हैं जबकि उनकी दोनों बेटियां उनके साथ खेतों में काम कर घर की मदद करती हैं।