लॉकडाउन के बाद शुरू होगा काम
भूपेश बघेल ने घोषणा के १० महीने बाद ३ मार्च २०२० को विधानसभा में बजट भाषण पढ़ते हुए इंद्रावती के लिए ९० लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया। इस प्रावधान को वित्त विभाग से मंजूरी भी मिल गई लेकिन काम शुरू हो पाता इससे पहले लॉकडाउन शुरू हो गया। अब विभागीय अफसर कहते हैं कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद ही प्राधिकरण के गठन और बाकी चीजों को लेकर काम शुरू हो पाएगा।
बस्तर विकास प्राधिकरण जैसा होगा इंद्रावती प्राधिकरण
बस्तर विकास प्राधिकरण की तर्ज पर इंद्रावती विकास प्राधिकरण का गठन होगा। बजट में मंजूर सेटअप के अनुसार एक अध्यक्ष एवं दो उपाध्यक्ष होंगे। अध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री और उपाध्यक्ष को राज्यमंत्री का दर्जा दिया जा सकता है। अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के अलावा एक अधीक्षण अभियंता, तीन सहायक अभियंता, दो ड्राफ्टमेन, एक-एक सहायक ग्रेड.1 और शीघ्रलेखक वर्ग.3, सहायक ग्रेड.3 के चार पद, स्टेनो टायपिस्ट एक, डाटा एंट्री आपरेटर दो और वाहन चालक के तीन पदों की स्वीकृति प्रदान की गई है।
प्राधिकरण को ओडिशा से बातचीत की पहल भी करनी होगी
इंद्रावती विकास प्राधिकरण कब अस्तित्व में आएगा फिलहाल यह कह पाना मुश्किल है लेकिन इंद्रावती बचाओ आंदोलन से जुड़े लोगों का कहना है कि इंद्रावती विकास प्राधिकरण को सबसे पहले इंद्रावती की मूल समस्या का हल निकालना होगा। इसके तहत ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच जल बंटवारे को लेकर बातचीत का माहौल बनाना होगा , क्योंकि खातीगुड़ा को लेकर अब तक ओडिशा से कोई बात नहीं हुई है।
सालभर में इंद्रावती का संघर्ष