जगदलपुर

इन मामूली कमियों की वजह से लगातार टूट रहा बस्तरवासियों के आसमान की सैर का सपना

डीजीसीए के कई मानकों को पूरा करने में लगातार पिछड़ रहा संभाग का एकमात्र जगदलपुर एयरपोर्ट (Jagdalpur Airport), एक बार फिर एयरपोर्ट प्रबंधन (Airport management) और जिला प्रशासन (District Administration) की तैयारियों की पोल खुल गई है।

जगदलपुरJul 11, 2019 / 04:05 pm

Badal Dewangan

इन मामूली कमियों की वजह से लगातार टूट रहा बस्तरवासियों के आसमान की सैर का सपना

जगदलपुर. संभाग के इकलौते एयरपोर्ट से विमानन सेवा के संचालन पर लगातार ग्रहण लग रहा है। तकनीकी और सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं कर पाने की वजह से लगातार यहां से विमानों का संचालन टलता जा रहा है।

5 जून को जगदलपुर से रायपुर और विशाखापट्टनम के लिए फ्लाइट शुरू होनी थी, लेकिन विजिबिलिटी मशीन के अभाव में विमानन कंपनी ने संचालन से किनारा कर लिया। उस वक्त Airport प्रबंधन ने व्यवस्था दुरुस्त करते हुए उड़ान ३ के दूसरे फेस के लिए तैयारी रखने की बात कही थी लेकिन एक बार फिर Airpor प्रबंधन और जिला प्रशासन की तैयारियों की पोल खुल गई है।
दरअसल डीजीसीए के अफसरों ने उड़ान ३ में जगदलपुर एयरपोर्ट को शामिल करने के बाद जब जगदलपुर एयरपोर्ट का दौरा किया था तब ही कह दिया था कि रनवे के दायरे में ऊंचे पेड़ और टावर नहीं होने चाहिए। डीजीसीए को अपने सर्वे में १३ टावर रनवे के दायरे में मिले थे, जिन्हें हटाने या उनकी ऊंचाई कम करने के लिए कहा गया था। एयरपोर्ट प्रबंधन इतने महीनों में सिर्फ चार टावरों की ऊंचाई कम कर पाया। बाकी के ११ टावर जस के तस खड़े हुए हैं। इस एक चूक की वजह से उड़ान ३ के दूसरे फेस में भी एटीआर-42 फ्लाइट मिलने की संभावना लगातार कम होती जा रही है।

जगदलपुर में लैंडिंग और टेकऑफ के लिए आधुनिक मशीन नहीं
जगदलपुर एयरपोर्ट में फ्विमान की लैंडिंग और टेकऑफ के लिए विजुअल फ्लाइट रूल्स तकनीक की मशीन लगाई गई है। रनवे परिक्षेत्र में लगाई गई इस मशीन के जरिए 5000 मीटर तक विजिबिलिटी में लैंडिंग की अनुमति मिलती है। खराब मौसम धुंध या बारिश की वजह से विजिबिलिटी कमजोर होने की वजह से फ्लाइट की लैंडिंग नहीं की जा सकती है। इससे पहले रायपुर से जगदलपुर उड़ान भरने वाली कंपनी एयर ओडिशा ने यह समस्या एयरपोर्ट अथॉरिटी के सामने रखी थी लेकिन उपकरण का आधुनिकीकरण नहीं किया गया। रायपुर के माना एयरपोर्ट में लगे वैरी हाई डॉप्लर ओमनी डायरेक्शन मशीन में 1200 मीटर से कम विजिबिलिटी में भी लैंडिंग की जा सकती है।

सुरक्षा व्यवस्था से पहले ही संतुष्ट नहीं हैं कंपनियां
जगदलपुर में यात्रियों का दबाव होने के बाद भी उड़ान शुरू नही होने के पीछे कई वजह सामने आ रही है। जिसमें सुरक्षा सबसे अहम मुद्दा है। अभी तक विमानन कंपनियां सुरक्षा को लेकर आश्वस्त नहीं हो पाई हैं। इससे पहले एयरपोर्ट अथॉरिटी को राज्य सरकार ने जगदलपुर में सुरक्षा की पूरी गारंटी दी थी। इसके बावजूद विमानन कंपनियां उड़ान शुरू करने से पीछे हट गईं।

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