सफाई व्यवस्था भी बदहाल
स्टेशन की सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह से बदहाल है। इतने बड़े स्टेशन में सिर्फ तीन सफाई कर्मचारी है। इन कर्मचारियों को हर महीने २० हजार रुपए वेतन दिया जाता है। इसके बाद भी स्थिति ये है कि स्टेशन के फ्लोर गंदगी से पटा हुआ है, वहीं बैठने के लिए लगे कुर्सियों में भी धूल जमा हुआ है। स्टेशन की सभी प्लेटफार्म की यही स्थिति है। इससे यात्रियों को काफी परेशानी होती है।
शौचालय में लगा हुआ है ताला
स्टेशन के प्लेटफार्म नं. १ सिर्फ एक ही शौचालय है। इसमें भी ताला लगा रहता है। वहीं प्लेटफार्म नं. २ और ३ में एक भी शौचालय नहीं है। प्लेटफार्म नं. १ पर दिव्यांगों के लिए ही शौचालय खुला है, जो गंदगी से पटा हुआ है। स्टेशन में शौचालय की भी सफाई नहीं हो रही है। यहां से गुजरने वाले लोगों को नाक बंद कर आना-जाना पड़ता है। यात्रियों की शिकायत के बावजूद स्टेशन प्रबंधन शौचालय की सफाई के लिए कोई पहल नहीं कर रहा है।
सुरक्षा व्यवस्था भी चौपट
बस्तर नक्सल प्रभावित होने के बावजूद जगदलपुर रेलवे स्टेशन में सुरक्षा व्यवस्था पुरी तरह से चौपट है। स्टेशन के मेनगेट में मेटल डिटेक्टर भी नहीं लगा है। इससे स्टेशन में कोई भी असमाजिक तत्व व संदिग्ध व्यक्ति आसानी से आना-जाना कर सकता है। यहां पर सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर मेनगेट के पास कुछ जवानों को तैनात किया गया है, जो सिर्फ बैठे-बैठे अपनी ड्यूटी करते हैं। किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की जांच नहीं करते।