वेतन व भर्ती की फाइल रोकने से अटके काम
बस्तरPublished: Jun 12, 2016 06:04:00 pm
बस्तर विश्वविद्यालय में इन दिनों वार्षिक परीक्षाओं के नतीजे
निकालने से अधिक उठापटक विभिन्न मामलों की फाइलों को अटकाने में हो रही है।
जगदलपुर. बस्तर विश्वविद्यालय में इन दिनों वार्षिक परीक्षाओं के नतीजे निकालने से अधिक उठापटक विभिन्न मामलों की फाइलों को अटकाने में हो रही है।
आलम यह है कि माह भर पुरानी फाइलों को भी अधिकारियों के हस्ताक्षर के लिए रोकना आम बात हो गई है। इतना ही नहीं फाइल रोकने के बारे में टीप तक लिखना अधिकारी जरूरी नहीं समझ रहे हैं। माह भर पहले कार्यपरिषद की बैठक वाली फाइल का यही हाल है।
यह फाइल एक महीने में कई मर्तबा कुलपति से रजिस्ट्रार, रजिस्ट्रार से कुलपति व उसके बाद सदस्यों तक के हाथों से गुजर कर वापस रजिस्ट्रार के चेंबर में आकर अटक गई है। कार्यपरिषद के निर्णयों वाली इस फाइल में दो अहम निर्णयों पर मुहर लगनी है। दोनों ही मुद्दे बीते दो साल से भी अधिक पुराने होने की वजह से इन पर विवि कर्मचारियों व उनके हितैषियों की कड़ी नजर है।
शिकायत भी नहीं सुनते
इसी बात को लेकर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी व संविदा व अतिथि सहायक प्राध्यापक लगातार कुलपति व रजिस्ट्रार के चेंबर तक दौड़ लगा रहे हैं। बीते दिनों इसी बात को लेकर जब वे रजिस्ट्रार चेंबर में पहुंचे तो रजिस्ट्रार ने उन्हें अनसुना कर दिया। नौबत यह बन गई कि अनुनय- विनय करते कुछ सहायक प्राध्यापक जमीन पर भी बैठ गए।
बावजूद रजिस्ट्रार उन्हें अनदेखा कर चेंबर से बाहर निकल गए। चेंबर में बैठे अभ्यर्थियों का कहना है कि काम के बदले पगार की मांग करना कहां गलत है। सहायक प्राध्यापकों के साथ देने के लिए कर्मचारी भी सामने आ गए हैं। विवि कर्मचारियों ने कहा कि उनकी भर्ती की फाइल भी अटकाने की वजह से वे कई सरकारी लाभ से वंचित हैं। दोनों ही संगठनों ने बताया कि वे संयुक्त मोर्चा बनाकर अपने जायज हकों के लिए लड़ेंगे।
फाइल नहीं रहने का दावा
इधर इस मसले पर कुलपति प्रो. एनडीआर चंद्र का कहना है कि मेरे टेबल पर कोई फाइल नहीं है। सभी मसलों पर कार्यपरिषद की बैठक में चर्चा हो गई है। इसके बाद संतुष्टि के लिए सदस्यों से फिर से सलाह ली जा चुकी है। इधर रजिस्ट्रार का कहना है कि सभी फाइलें नियमानुसार आगे बढ़ रही हैं। कुछ फाइलों पर टीप लिखी गई है उन्हीं पर निर्णय लिया जा रहा है।