पर्व की शुरुआत हुई जो महापर्व में परिवर्तित
611 साल का इतिहास गवाह है कि jagannathpuri से आए भगवान श्रद्धालुओं के लिए बस्तर के नाथ बनकर रह गए। जगन्नाथपुरी की Ratha Yatra से अनुप्रेरित होकर यहं भी पर्व की शुरुआत हुई जो महापर्व में परिवर्तित हो गया है। यहां का गोंचा महापर्व भारत वर्ष का सबसे अनूठा Ratha yatra पर्व है जिसमें भगवान को हजारों तुपकियों से सलामी दी जाती है।
छह सौ साल पुरानी इस महापर्व की हुई शुरूआत, जानिए इस पर्व की खास बातें
उद्भव का लिखित इतिहास
शोधार्थी रुद्र नारायण पाणिग्राही बताते हैं कि, गोंचा बस्तर में सन 1313 में आरण्यक ब्राह्मण समाज के उद्भव का लिखित इतिहास संजोए हुए है। पत्रिका ने भी इस महापर्व में अपनी लेखन यात्रा को सतत जारी रखा है।
Jagannath Rath Yatra गोंचा के बारे में जानने के लिए यहां [typography_font:14pt;” >600 साल पुरानी बस्तर की CLICK करें
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