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शहर में आवारा कुत्तों से बचकर चलिए क्योंकि पूरे जिले में नहीं है एंटी रैबीज वैक्सिन

locationजगदलपुरPublished: Jul 21, 2019 12:51:08 pm

Submitted by:

Badal Dewangan

एंटी रैबीज (anti rabies vaccine) इंजेक्शन की सप्लाई नहीं होने से कुत्ते कांटने (Dog bite) से होने वाले गंभीर बीमारी हाईड्रोफोबिया (Hydrophobia) लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई हैं।
 

Hydrophobia

शहर में आवारा कुत्तों से बचकर चलिए क्योंकि पूरे जिले में नहीं है एंटी रैबीज वैक्सिन

जगदलपुर. शहर में लगातार आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। महारानी अस्पताल में इन दिनों डॉग बाइट के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है और हॉस्पिटल में एंटी रैबीज वैक्सीन का टोटा बना हुआ है। इतना ही नहीं पूरे जिलेभर में एंटी रैबीज इंजेक्शन की समस्या बनी हुई है। सरकारी अस्पताल के अलावा मेडिकल स्टोर में भी मांग के अनुसार इंजेक्शन की सप्लाई नहीं हो रही है, जो मरीजों के लिए मुसीबत बनी हुई है। पखवाड़े भर पहले आंगनबाड़ी से लौट रही बच्ची को कुत्ते ने नोच डाला, जिससे बच्ची का पूरा कान ही अलग हो गया। इधर एंटी रैबीज इंजेक्शन की सप्लाई नहीं होने से कुत्ते कांटने से होने वाले गंभीर बीमारी हाईड्रोफोबिया लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई हैं। किसी भी सीएचसी, पीएचसी में मांग के अनुसार वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में रैबीज पीडि़त मरीजों को इलाज के लिए रायपुर तक जाना पड़ रहा है।

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निगम नहीं कर रहा कुत्तों की धरपकड़
आवारा कुत्तों को लेकर निगम प्रशासन कोई पहल नहीं कर रहा है। शहर में कुत्तों का आतंक इतना बढ़ गया है कि लोग रात में अकेले निकलने में भी डर रहे है। शहर के दंतेश्वरी वार्ड, ठाकुर रोड, मोती तालाबपारा, शांति नगर, तदपत सागर रोड़ धरमपुरा में आवारा कुत्तों का झुंड लगा रहता है।

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सीजीएमएससी नहीं कर रहा वैक्सीन सप्लाई
सीजीएमएससी मांग के अनुसार सरकारी अस्पतलों में दवाओं की सप्लाई करता है। वहीं जनवरी से एंटी रैबीज वैक्सीन की सप्लाई ही नहीं कर रहा हैं। सीजीएमएससी के अधिकारियों का कहना है कि दवा निर्माता कंपनी ही इंजेक्सन की सप्लाई नहीं कर रहा है। इससे काफी समस्या हो रही हैं।

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हर महीने 500 इंजेक्शन की खपत
सौ बिस्तर महारानी अस्पताल में रोजाना ओपीडी मरीजों की संख्या 400 से अधिक है। यहां पर हर महीने करीब 500 एंटी रैबीज वैक्सीन की खपत होती हैं। हॉस्पिटल में रोजाना दो से तीन डॉग बाइट के मरीज आते हैं। इंजेक्शन की कमी की वजह से इन मरीजों को मेडिकल स्टोर से खरीदनी पड़ रही है। बाहर में एक एक्सीन की कीमत करीब 330 रुपए हैं। ऐसे में डॉग बाइट के एक मरीज को इलाज के लिए 1650 रुपए खर्च करना पड़ रहा है।

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