पूरी तरह से अलग-थलग करके रख दिया
पत्रिका की टीम बुधवार को शहर से 10 किमी दूर कुदालगांव में एक ऐसे परिवार के बीच पहुंची जो 14 दिन से होम आइसोलेशन में है। यह परिवार है जुल्फीकार का। जुल्फीकार के तीन छोटे बच्चे और पत्नी हैं। यानी कुल ५ सदस्यीय परिवार पिछले १४ दिनों से अपने घर में कैद है। यह परिवार लॉकडाउन से पूर्व बरेली उत्तरप्रदेश से लौटा था। इसके बाद इन्हें होम आइसोलेट किया गया था। ७ अप्रैल को इनके आइसोलेशन की मियाद पूरी हुई लेकिन उससे पहले ही इनने घर की दीवार पर १४ दिन की मियाद बढ़ाने की सूचना लगा दी गई। जुल्फीकार बताते हैं कि जबसेे वे आइसोलेशन में हैं तब से उनके स्वास्थ्य की किसी प्रकार की जांच नहीं हुई है। रही बात उनके स्वास्थ्य की तो वे पूरी तरह से स्वस्थ महसूस कर रहे हैं लेकिन उन्हें पूरी तरह से अलग-थलग करके रख दिया गया है।
सब्जी और राशन को तरस रहा परिवार
कुदालगांव में जुल्फीकार पिछले १० साल से रह रहे हैं। वे हाइवे पर स्थित एक ट्रैक्टर शॉप पर काम करते हैं। उनका गांव के लोगों से अच्छे संबंध हैं लेकिन इस सब के बावजूद गांव के लोग उन्हें कोरोना काल में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जुल्फीकार कहते हैं इसमें ग्रामीणों की गलती नहीं है। हालात ही ऐसे बना दिए गए हैं कि कोई सहयोग करने सामने नहीं आ रहा है। १० दिन पहले आखिरी बार राशन आया था उसी से गुजारा हो रहा है। हरी सब्जी तो आइसोलेशन जब से शुरू हुआ तब से नहीं आई है। परिवार अब जगदलपुर के समाजसेवियों से मदद की उम्मीद लगाए बैठा है, ताकि उनके घर भी औरों की तरह खाना पक सके।
विदेश और हॉट स्पॉट वाले राज्यों के लिए यह नियम
मेडिकल कॉम्लेज में कोरोना आइसोलेशन वार्ड के इंचार्ज डॉ. नवीन दुल्हानी ने बताया कि राज्य सरकार ने दो दिन पहले इस १४ दिन का आइसोलेशन बढ़ाने का फरमान जारी किया है। इस बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं है। देश में कई मामले ऐसे मामले सामने आए हैं जब १४ दिन के बाद लक्षण दिखे हैं इसलिए १४ दिन का आइसोलेशन और बढ़ा दिया गया है ताकि हालात बिगड़ें ना।