बस्तर में 100 से अधिक मतदान केंद्रों पर आईईडी का खतरा, स्निफर डॉग और बम डिस्पोजल स्क्वॉड अलर्ट
* लाल गलियारे में लोकतंत्र का उत्सव आज
* दंतेवाड़ा में नक्सली हमले के बाद सुरक्षा के हैं विशेष इंतजाम

जगदलपुर। बस्तर लोकसभा क्षेत्र के 1,879 मतदान केंद्रों में से 741 मतदान केंद्र माओवाद प्रभावित इलाके में होने की वजह से अतिसंवदेनशील चिन्हित किए गए हैं। इनमें सुकमा जिले में 223, दंतेवाड़ा में 157, बीजापुर में 129, नारायणपुर में 71, बस्तर जिले में 93 और कोंडागांव में 68 मतदान केंद्र हैं। इन जगहों पर मतदान कार्य रोकने के लिए माओवादी मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी वाले पर्चे के साथ ही रैलियां व सभा करते आ रहे हैं। निर्वाचन आयोग व प्रशासन के प्रयासों से यहां मतदान का प्रयास किया जा रहा है। मतदान रोकने के लिए माओवादी घातक रणनीति का प्रयोग करते हैं। इसमें इन बूथ व उसके आसपास के आवाजाही वाले रास्तों पर ये इंटलेक्चुअल एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) लगा देते हैं। छिपाकर रखे गए इन आईईडी पर जैसे ही हलचल होती है, विस्फोट हो जाता है। हालांकि ऐसे मतदान केंद्र व उसके आसपास के रास्तों पर बम डिस्पोजल स्क्वाड नजर बनाए हुए हैं। लैंडमाइंस डिटेक्टर से जांच भी जारी है। हालांकि ये सभी डिवाइस अपनी सीमा तक ही काम करते हैं। माओवादी आईईडी को इतनी गहराई में प्लांट करते हैं कि वह किसी भी डिटेक्टर की पकड़ में नहीं आए।
100 मतदान केंद्रों पर विशेष एहतियात
बस्तर लोकसभा के अंतर्गत आने वाले सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिले के 100 से अधिक मतदान केंद्रों पर विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। यहां आईईडी ब्लास्ट का खतरा है। इसके लिए मतदान केंद्र के आसपास के क्षेत्र की निगरानी डॉग स्क्वाड कर रही है। साथ ही बम डिस्पोजल स्क्वाड भी हाई अलर्ट पर है। रास्ते में भी आईईडी का खतरा रहता है। इस वजह से रोड ओपनिंग पार्टी भी सजग है। कई मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां पहुंचने वाले रास्ते में कदम-कदम पर खतरा है। इन इलाकों में बारुदी सुरंग फटने की कई घटनाएं पहले हो चुकी है। इन्हीं रास्तों पर माओवादी एंबुश लगाकर हमला भी करते हैं।
विधानसभा चुनाव के दौरान केंद्र में मिला था बम
पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान सुकमा के एक मतदान केंद्र के अंदर आईईडी मिला था। स्निफर डॉग ने इसकी पहचान की थी। इसके बाद तत्काल मतदान केंद्र को खाली कर बम डिस्पोजल स्क्वाड द्वारा बम को निष्क्रिय किया गया । वहीं इसके बाद पेड़ के नीचे मतदान करवाना पड़ा था।
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