स्टाफ के घर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस का उपयोग
एंबुलेंस (सीजी-02- 6205) एक से 12 नवंबर तक 19 बार महारानी अस्पताल से बाहर निकली है। इसमें सिर्फ 9 बार ही रेफर मरीजों को लेकर डिमरापाल गई हैं। 7 अक्टूबर को वीआईपी ड्यूटी लगाने एक दिन पहले डॉक्टर और स्टाफ पत्र जारी किया गया। इस पत्र को संबंधित डॉक्टर और स्टाफ के घर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस का उपयोग किया गया।
घर से शिविर तक एंबुलेंस से ही लाना ले जाना किया गया
रविवार को डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में वॉर्ड बॉय के 40 पदों के लिए भर्ती ली गई। इस भर्ती परीक्षा के लिए शहर में 12 सेंटर बनाए गए थे। सभी सेंटर में पेपर व अन्य सामान ढोने के लिए भी एंबुलेंस का उपयोग किया गया। वहीं कुछ दिन पहले धरमपुरा स्थित बालिका छात्रावास में स्वास्थ्य जांच शिविर लगाई गई। शिविर में जाने वाले डॉक्टर और स्टाफ को उनके घर से शिविर तक एंबुलेंस से ही लाना ले जाना किया गया, जबकि डॉक्टर और स्टाफ को हॉस्पिटल से ही लेकर जाना था। यह तो केवल बानगी है महारानी अस्पताल में इसी तरह से एंबुलेंस का उपयोग किया जा रहा है।
स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी की वजह से महारानी अस्पताल सिर्फ रेफर सेंटर बनकर रह गया है। यहां पर 90 प्रतिशत मरीजों को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है। 1 से 12 नवंबर तक 102 महतारी एंबुलेंस में 25 और 108 संजीवनी एंबुलेंस में 76 मरीजों को रेफर किया गया है। जबकि हॉस्पिटल के एंबुलेंस से सिर्फ 9 मरीजों को रेफर किया गया है।
पांच में दो हो गई कंडम, तीन चल रही
महारानी अस्पताल में पांच एंबुलेंस हैं। इसमें दो एंबुलेंस कंडम हो गया है। तीन एंबुलेंस ही चल रही है। इसमें दो बड़ी एंबुलेंस सीजी-02 1071 और सीजी-02- 5471 का उपयोग वीआईपी ड्यूटी और मेडिकल कॉलेज व अन्य जगह से सामान ढोने के लिए किया जाता है। वहीं एक छोटी एंबुलेंस सीजी-02 6205 डॉक्टर व स्टाफ को लाने के कामों के लिए किया जा रहा है।
कार्रवाई की जाएगी
सिविल सर्जन डॉ. विवेक जोशी ने बताया कि, इमरजेंसी में कॉल ड्यूटी के दौरान ही डॉक्टरों को लाने ले जाने के लिए एंबुलेंस का उपयोग करते हैं। मेडिकल कॉलेज से दवाई और अन्य मेडिकल इक्यूपमेंट लाने ले जाने के अलावा एंबुलेंस का उपयोग नहीं किया जाता है। इसके अलावा अन्य काम के लिए उपयोग किया जा रहा है, तो संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।