जगदलपुर

शहीद उपेंद्र के खून में थी देशभक्ति, दादा फौजी, पिता रिटायर्ड जवान, भाई-बहन माओवादी मोर्चे पर अभी है तैनात

– तीन पीढिय़ां पुलिस को हैं समर्पित
– जवान संदीप १९५ वीं बटालियन में तैनात थे।- उनके छोटे भाई खगेंद्र साहू पांचवी बटायिलन में है तैनात
 

जगदलपुरMar 16, 2020 / 12:50 pm

Shaikh Tayyab

शहीद उपेंद्र के खून में थी देशभक्ति, दादा फौजी, पिता रिटायर्ड जवान, भाई-बहन माओवादी मोर्चे पर अभी है तैनात

शेख तैय्यब ताहिर/जगदलपुर. सोचिए उस भाई पर क्या गुजरी होगी, जिसे अपने भाई की शहादत की खबर खुद अपने माता-पिता को देनी पड़ी हो। सीआरपीएफ का जवान उपेंद्र साहू के भाई खगेंद्र साहू को दिल पर पत्थर रख कर ऐसा करना पड़ा। खगेंद्र ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि बड़ा भाई उन्हें यूं छोड़ कर चला जाएगा। खगेंद्र सीआरपीएफ की पांचवी बटालियन में पदस्थ हैं। शनिवार को बोदली के करीब सडक़ निर्माण की सुरक्षा के लिए गए जवानों पर माओवादियों ने आईईडी विस्फोट किया जिसमें उपेंद्र साहू घायल हो गए, उन्हें अस्पताल ले जाया गया पर जान बच नहीं सकी। जैसे ही पुलिस के अधिकारियों ने उपेंद्र की शहादत की सूचना खगेंद्र को दी, वो फफक-फफक कर रो पड़े। इसी बीच उपेंद्र के परिजन को भी खबर मिल गई कि बोदली में माओवादी वारदात में उपेंद्र नाम का जवान शहीद हुआ है। वो अनहोनी की आशंका से डर गए। सूचना की पुष्टि नहीं हो पाई। इसी वक्त खगेंद्र ने परिवार में फोन किया और अपने रुंधे हुए गले से बड़े भाई की शहादत की खबर दी। जिसे सुन पिता संतलाल साहू सन्न रह गए। जैसे-तैसे उन्होंने खुद को संभाला और उपेंद्र की शहादत की सूचना परिवार को दी। शहादत की खबर मिलते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

देश सेवा की मिसाल

शहीद उपेंद्र का परिवार देशसेवा की मिसाल है। उनकी तीन पीढिय़ों ने देश की सेवा में अपना योगदान दिया है। शहीद उपेंद्र के दादा सेना में थे। पिता संतलाल साहू पुलिस विभाग में पद पर, चाचा छन्नूलाल साहू भी बतौर प्रधार आरक्षक पुलिस में अपनी सेवाएं दीं। ये परंपरा उपेंद्र और उनके भाई खगेंद्र व चचेरे भाई मनीष भी निभा रहे हैं। शहीद के पिता संतराम साहू की आंखें नम हैं, गला भर्राया हुआ है। उन्हें बेटे की शहादत पर गर्व है, लेकिन माओवादियों की की नापाक हरकत पर गुस्सा भी। यहां मौजूद लोग भी कहते हैं कि माओवादियों की कायराना हरकतों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इस तरह की घटना जवानों के मनोबल को तोड़ रही है। इस समस्या का हल ही शहीद जवानों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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