संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है
गौरतलब है कि पूरे बस्तर संभाग में बायोमेडिकल वेस्ट को डिस्पोज करने का कोई साधन नहीं है। अस्पताल प्रबंधन अब तक मैनुअल तरीके से ही मेडिकल वेस्ट डिस्पोज करते आ रहे हैं। जिसकी कोई मॉनिटरिंग करने वाला नहीं है। ऐसे में कई बार खुले में ही मेडिकल वेस्ट को फेंक दिया जाता है। इसमें ज्यादातर निजी अस्पताल और नर्सिंग होम संचालक खुले में ही मेडिकल वेस्ट फेंक रहे हैं, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है।
तीन करोड़ की लागत से बन रहा प्लांट
बस्तर संभाग के बायोमेडिकल वेस्ट को डिस्पोज करने के लिए करीब 0.607 हेक्टेयर में इंसीनरेटर प्लांट लगाया जा रहा है। करीब 3 करोड़ रुपए की लागत से प्लांट लगाया जा रहा है। मार्च 2020 तक प्लांट बन कर तैयार हो जाना था। वहीं लॉकडाउन के चलते निर्माण कार्य तीन महीने पीछड़ गया है। वहीं जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि जून तक यह प्लांट बनकर तैयार हो जाएगा।
एक घंटे में 200 किलो मेडिकल वेस्ट होगा डिस्पोज
कोंडागांव में हाईटेक इंडक्शन पायरोलिसिसद्ध इंसीनरेटर प्लांट लगाया जा रहा है। इस प्लांट में एक घंटे में करीब 200 किलो मेडिकल वेस्ट डिस्पोज किया जा सकता है। पूरे संभाग से मेडिकल वेस्ट एकत्र करने के लिए निजी फर्म को टेंडर दिया जाएगा। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन को प्रति बेड के अनुसार राशि भुगतान करना पड़ेगा।