जगदलपुर की जेल में कुल 1351 बंदियों के रखने की क्षमता है। जबकि इन दिनों 2100 से भी ज्यादा बंदी जेल में बंद हैं। यानि जेल की क्षमता से दो गुना की तादाद में बंदी जेल में बंद हैं। एक बैरक की क्षमता से अधिक बंदियों को रखा जा रहा है। इन बैरकों को मानकों के अनुरूप बनाया जाता है, ताकि प्रत्येक बैरक में बंदी आसानी से लेट सकें। लेकिन क्षमता से कहीं ज्यादा बंदी होने के कारण प्रत्येक बैरक में दो गुना की संख्या में बंदियों को रखने के लिए विवश होना पड़ता है। यही हाल महिला बैरक का भी है। इसके अलावा जिला जेल दंतेवाड़ा में २५० की जगह ५५३ से अधिक बंदियों को रखा गया है।
संभाग के जिला जेल व उप जेलों की स्थिति
उप जेल सुकमा में 110 की क्षमता 92, उप जेल बीजापुर में 90 के स्थान पर 27 बंदी, जिला जेल कांकेर में 374 की जगह 120 बंदी, नारायणपुर उप जेल में 110 के स्थान पर 48 बंदियों को रखने की क्षमता है।
अपराध बढऩे के साथ जेलो में बंदी भी बढ़े
समाज में बढ़ते अपराध के साथ ही जेल में बंदियों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। इसके चलते प्रदेश भर के केन्द्रीय जेल व उप जेलों में बंदियों को रखने के लिए बैरकों का निर्माण जारी है। बावजूद बंदियों की क्षमता भी लगातार बढऩा चिंता का विषय है।