अबूझमाड़ क्षेत्र अपनी गौरवशाली सामाजिक व संस्कृतिक विरासत को संस्कृति को लेकर देश से लेकर विदेशों के सैलानियों को आकर्षित करता है.
Abujmadh Handawada
विशाल चौहान/नारायणपुर. अबूझमाड़ क्षेत्र अपनी गौरवशाली सामाजिक व संस्कृतिक विरासत को संस्कृति को लेकर देश से लेकर विदेशों के सैलानियों को आकर्षित करता है। अबूझमाड का प्राकृतिक सौदर्य भी अद्वितीय है। लेकिन माओवादी समस्या के कारण कुछ स्थानों के नैसर्गिक सौन्दर्य पर ग्रहण लगा है। वही कुछ स्थानों पर माओवादी दहशत के चलते यहां की सुदंरता बहार नहीं आ रही है। ऐसा की एक जलप्रपात अबूझमाड की गोद में बसे हादांवाडा में स्थित है।
इस जलप्रपात के बारे में पर्यटन विदों का दावा है कि यह न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि देश का सबसे बड़ा जलप्रपात है। लेकिन माओवादी समस्या एंव पहुच विहिन इलाका होने के कारण हादांवाडा जलप्रपात पर्यटकों की नजर ओझल बना हुआ है। इस जलप्रपात तक पहुचने के लिए शासन-प्रशासन दहशत युक्त वातावरण एंव पक्की सडक बना देती है, तो हादांवाडा जलप्रपात अबूझमाड की तस्वीर बदल सकता है। जिससे अबूझमाड क्षेत्र पर्यटन श्रेणी में नई इबारद लिख देखा।
इस जगह बसा है हादांवाडा नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लॉक के अंतर्गत हादांवाडा ग्राम पंचायत है। इस ग्राम पंचायत की सीमा पडोसी जिला बीजापुर एंव दंतेवाडा से भी मिलती है। हादांवाडा से करीब ३ किमी दूर धारा डोंगर(पहाडी) एक नाला प्रपात के स्वरूप में लगभग ५०० फिट उचाई से गिरता है। इस जल के नीचे पहुंचने पर ४ अलग-अलग स्तरों पर प्रपात बनता है। बरसात के दिनों में यह प्रपात अपने पूरे शबाब पर होता है। इस जलप्रपात की आवाज करीब ५ किमी दूर तक सुनाई देती है।
इस तरह पहुचं सकतै है हादांवाडा जलप्रपात तक हादांवाडा जलप्रपात तक पहुचने के लिए पक्की सडक होगी ऐसा सोच रहे होगें, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। हादांवाडा तक पहुचने के लिए कोई पक्की सडक नहीं है। इसके लिए दो पहिया वाहन में कच्ची सडक से रास्ते हादांवाडा तक पहुचा जा सकता है। जिसमें पहला रास्ता दंतेवाडा जिले के बारसूर होकर है। इद्रावंती नदी को पार करने के बाद मोटर साईकिल से कच्ची एंव पगडडी वाली सडक से करीब 25 किमी का सफर तय कर हादांवाडा पहुचा जा सकता है। इसके बाद गांव से करीब 3 किमी दूर जलप्रपात तक पहुचने के लिए पैदल सफर तय करना पडता है। वही दुसरा मार्ग दंतेवाडा जिले के गीदम से 20 किमी दूर तुमनार गांव से है। जहां इंद्रावती नदी को नाव के सहारे पार करना पडता है। इस नदी को पार करने के बाद लगभग ३० किमी का सफर मोटर साईकिल से पूरा कर हादांवाडा तक पहुचा जा सकता है।
इसके साथ ही एक रास्ता अबूझमाड ओरछा ब्लॉक मुख्यालय से है। इस ओरछा ब्लॉक मुख्यालय से करीब 30 किमी का सफर मोटर साईकिल से भटबेडा गांव तक किया जा सकता है। इसके बाद 10 किमी तक सीधी पहाडी को पैदल चढकर कर पार करना पडता है। इसके बाद करीब ५ किमी मैदानी इलाके में पैदल चलने के बाद हादांवाडा गांव पहुचते है। इस तरह करीब 45 किलोमीटर का सफर ओरछा ब्लॉक मुख्यालय से हादांवाडा तक पहुचने के लिए तय करना पडता है। लेकिन बरसात के दिनों में सिर्फ 10 किमी तक मोटर सईकिल से सफर तय किया जा सकता है।
नैसर्गिक सौन्दर्य को संवारने की जरूरत अबूझमाड के पहुच विहिन हादांवाडा के नैसर्गिक प्राकृतिक सौदर्य को सहजने और संवारने के लिए कारगर पहल कर समुचित स्थान को पर्यटन स्थल में जोड़कर अबूझमाड़ के इस मनोहारी जलप्रपात को दर्शनीय स्थल के रूप में विकसीत किया जाना चाहिए। जिससे अब तक अबूझमाड़ में छुपे इस जलप्रपात को देश विदेश में ख्याति मिल सकें। जिससे आने वाले दिनों में इसका आनंद कोने कोने के लोग उठा सकें। अबूझमाड़ में अपनी सौदर्य की छटा बिखेरने वाला जलप्रपात जो आज सिमट कर रह गई है।