अन्य राज्यों में गए मजदूर आए तो उतार देंगे मौत के घाट
जानकारी के अनुसार माओवादियों ने अबूझमाड़ इलाके में लॉक डाउन घोषित करते हुए बाहरी राज्य में काम करने गए मजदूरों को वापस गांव नहीं लौटने कहा है। ग्रामीणों को कहा है कि कोई भी मजदूर जो बाहरी राज्य में काम करने गया है, वो अगर गांव वापस लौटता है तो उसको मौत के घाट उतार दिया जाएगा। इसके लिए माओवादियों ने मजदूरों के परिजनों कहा कि वो अपनों गांव नहंीं लौटने बात समझा दें।
पडोसी राज्य के हाट बाजार नहीं जाने की हिदायत
माओवादियों की अघोशित राजधानी कहे जाने वाले कुतुल से करीबन 25 किलोमीटर दूर पडोसी राज्य महाराष्ट्र की सीमा लगी हुई है। इससे कुतुल इलाके के फरसबेड़ा, पदमकोट, उसेबेड़ा. निलांगूर, गुट्टाकाल, मिचबेड़ा. कोतकामरका, पालेमटा, आदिंगनार सहित अबूझमाड के अन्य गांव के ग्रामीण पहाड़ी-जंगल से पंगडडी वाले रास्ते से पैदल सफर तय कर महाराष्ट्र राज्य में प्रवेश कर लहरी एंव हेमलकसा गांव में आयोजित हाट-बाजार में पहुंचकर अपने लिए रोजमर्रा के सामानों की खरीदी कर वापस अपने गांव लौट आते है।
महाराष्ट्र राज्य के हाट बाजार में नहीं जाने की हिदायत
अबूझमाड़ की सीमा पडोसी राज्य महाराष्ट्र से लगी हुई है। इन महाराष्ट्र राज्य में कोरोना वायरस ने अपने पैर पसारने की शुरू कर दिया है। इससे भारत देष में महाराष्ट्र राज्य में कोरोना वायरस से पीडित लोगों की संख्या लगातार इजाफा होते जा रहा है। इससे कोरोना पीडित लोगों की संख्या महाराष्ट्र राज्य अव्वल स्थान पर है। इसको संज्ञान में लेकर माओवादियों ने पडोसी महाराष्ट्र राज्य के हाट बाजार में नहीं जाने की हिदायत ग्रामीणों को दी है।
अबूझमाड़ से इतने लोगों ने किया पलायन
अबूझमाड ओरछा विकासखण्ड में 36 ग्राम पंचायत शामिल है। इनमें से 15 ग्राम पंचायतों के 240 लोग पलायन कर दूसरे राज्य में काम करने गए हुए थे। इनमें 54 लोग दूसरे राज्यों से वापस लौट आए है। इनको विभिन्न जगहों पर होम आइसोलेषन में रखा गया है। वही 13 ग्राम पंचायत 186 लोग अभी भी 6 राज्यों फंसे हुए है। इनमें तामिलनाडू, आंध, कर्नाटक, महाराष्ट्र, हैदराबाद एंव झारखण्ड शामिल है।