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दलपत सागर पर हर महीने आठ से दस लाख का खर्च पर नयामुंडा की उपेक्षा लगातार जारी

locationजगदलपुरPublished: Sep 10, 2023 08:48:31 pm

Submitted by:

Akash Mishra

शहर के दूसरे सबसे बड़े तालाब को जलीय पौधों ने जकड़ा, निगम ने महीनों से नहीं करवाई सफाई

दलपत सागर पर हर महीने आठ से दस लाख का खर्च पर नयामुंडा की उपेक्षा लगातार जारी
तालाब में जहां नजर जाएगी वहां सिर्फ जलकुंभी ही दिखेगी
जगदलपुर। दलपत सागर हाल के वर्षों में शहर के मध्य सबसे बड़ा पर्यटन केंद्र बनकर उभरा है। तालाब में जलकुंभी की समस्या है जिसे दूर करने के लिए नगर निगम हर महीने आठ से दस लाख रुपए का डीजल फूंकता है। तालाब सुंदर दिखता रहे इसलिए यहां पर वीड हार्वेस्टर मशीन और जेसीबी के जरिए सफाई की जाती है। तालाब के संरक्षण के लिए निगम जैसी तत्परता दिखा रहा है उसकी खूब तारीफ हो रही है लेकिन शहर में एक ऐसा तालाब भी है जिसे निगम ने भूला दिया है। यह तालाब है गंगामुंडा तालाब। गंगामुंडा तालाब के संरक्षण को लेकर निगम की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है। तालाब को लगातार जलीय पौधे जकड़ते जा रहे हैं। यहां पर जलकुंभी की वैसी समस्या नहीं है जैसी दलपत सागर में है लेकिन जलीय पौधे तालाब का सौंदर्य बिगाड़ रहे हैं। तालाब में जहां भी नजर जाएगी सिर्फ कमल के फूल व अन्य जलीय पौधे दिखते हैं। इनकी सफाई निगम ने महीनों से नहीं करवाई है। निगम में जब भाजपा का शासन था तो तालाब को सुंदर बनाए रखने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए गए थे। इसके लिए अगल से प्रोजेक्ट भी तैयार किया गया था लेकिन लगभग १० साल के बाद सब कुछ बेकार हो चुका है। तालाब सौंदर्यीकरण से जुड़े सारे काम कबाड़ हो चुके हैं। इस तालाब को भी पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना थी जो कि समय के साथ फेल हो गई। बाद में आई नगर सरकारों ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया और अब तालाब उपेक्षित और बदहाल नजर आ रहा है।
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