जगदलपुर

बस्तर में बनने जा रहा है प्रदेश का पहला लैब, जहां बच्चों में होने वाली इन गंभीर बीमारियों पर होगी रिसर्च

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) नई दिल्ली ने जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में यह प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसमें बच्चों में होने वाली हर तरह के Bacterial Disease की जांच करेंगे।

जगदलपुरJul 23, 2019 / 11:59 am

Badal Dewangan

बस्तर प्रदेश का पहला ऐसा जिला जहां, डॉक्टर पता लगाएंगे कि, बच्चे के बार बार बीमार पडऩे की वजह क्या है

मनीष साहू/जगदलपुर. बस्तर प्रदेश का पहला ऐसा जिला जहां पर डॉक्टर पता लगाएंगे की बच्चे बार-बार क्यों बीमार पड़ते हैं। डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में इसके लिए लैब भी तैयार किया गया है। साथ ही यहां पर टेक्निशियन और अन्य स्टॉफ की भर्ती भी हो गई है।

बस्तर में हर साल जापानी बुखार से बच्चों की मौत हो रही है। इसके अलावा डेंगू, स्वाइन फ्लू, हर्पीज अन्य जीवाणु जनित रोगों से भी बच्चे बीमार पड़ रहे हैं और समय पर इलाज नहीं मिलने से उनकी मौत हो रही है। इस वजह से इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) नई दिल्ली ने जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में यह प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसमें बच्चों में होने वाली हर तरह के बैक्टीरियल डीसिस (Bacterial Disease) की जांच करेंगे। ताकि समय पर उनका इलाज शुरू कर सकें। वर्तमान समय में यहां पर जांच की सुविधा नहीं होने की वजह से सैंपल बाहर भेजना पड़ता है। वहीं रिपोर्ट आते तक पीडि़त बच्चे की मौत हो जाती है। अब इस प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। इसकी मॉनिटरिंग शिशु रोग विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर और माइक्रो बॉयोलॉजी विभाग के स्टॉफ करेंगे।

अब जापानी बुखार से भी मौत के मामलों में आएगी कमी
बस्तर में जापानी बुखार से हर साल 4 से 5 बच्चों की मौत होती है। पिछले साल 6 बच्चों की मौत हुई थी। इस साल अब तक दो बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि लगातार संदिग्धों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब तक 13 पॉजीटिव केस सामने आ चुका है। 13 में से सभी बच्चों की स्थिति अभी बेहतर है। इस बार जापानी बुखार के संदिग्ध बच्चों की ब्लड जांच जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में ही किया गया। इससे पॉजीटिव मरीजों का समय पर इलाज मिला और वे बच गए।

स्वाइन फ्लू, डेंगू और [typography_font:12pt;” >जापानी बूखार (जापानी इंसेफेलाइटिस) की जांच सिर्फ जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में होगी। अब तक इस जांच के लिए ब्लड सैंपल मुंबई, हैदराबाद व अन्य जगहों पर भेजते है। मरीजों को जांच के लिए तीन से चार गुना रुपए भी खर्च करना पड़ता है। अब इस प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। प्रदेश के मरीजों को 24 घंटे के भीतर ब्लड जांच रिपोर्ट मिल जाएगी।

सैंपल नहीं भेजेंगे बाहर
मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग के एचओडीडॉ. अनुरूप साहू ने बताया कि, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के तहत यहां पर लैब तैयार किया गया है। इस लैब में बच्चों तेजी से फैलने वाले जीवाणु जनित रोगों की जांच की जाएगी। ताकि बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके। वर्तमान समय में ब्लड सैंपल बाहर भेजना पड़ता था। इस प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी।

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