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निकाय चुनाव में पहली बार नया नियम, प्रचार सामाग्री इन जगहों पर लगाने से पहले लेनी होगी इजाजत, वरना

locationजगदलपुरPublished: Dec 13, 2019 10:49:55 am

Submitted by:

Badal Dewangan

जिला निर्वाचन शाखा के अनुसार यह नियम इस बार पूरे प्रदेश में लागू किया गया है। पहले वार्ड चुनाव के दौरान बगैर मौखिक अनुमति भी बैनर-पोस्टर और झंडे लगा दिए जाते थे।

निकाय चुनाव में पहली बार नया नियम, प्रचार सामाग्री इन जगहों पर लगाने से पहले लेनी होगी इजाजत, वरना

निकाय चुनाव में पहली बार नया नियम, प्रचार सामाग्री इन जगहों पर लगाने से पहले लेनी होगी इजाजत, वरना

जगदलपुर . निकाय चुनाव में इस बार नया नियम सामने आया है। इसके तहत किसी भी प्रत्याशी को अपने वार्ड क्षेत्र में पहले उस व्यक्ति से लिखित में इजाजत लेनी होगी जिसकी संपत्ति पर झंडा-पोस्टर या बैनर लगाया जा रहा है। यह नियम पहली बार निकाय चुनाव में लागू हुआ है। इस नियम ने प्रत्याशियों की मुसीबत बढ़ा दी है। प्रत्याशियों का कहना है कि पहले मौखिक रूप से कोई भी आसानी से अनुमति दे दिया करता था लेकिन अब लोगों से लिखित में अनुमति लेनी पड़ रही है। लिखित में इजाजत देने से लोग कतरा रहे हैं। प्रत्याशियों को प्रिंटिंग प्रेस से एक फार्मेट खरीदना पड़ रहा है। यह सहमति पत्र का फार्मेट है। इसमें उन लोगों से हस्ताक्षर लिए जा रहे हैं, जिनकी प्रापर्टी पर चुनाव सामग्री लगाई जा रही है।

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नौकरीपेशा लोगों ने बनाई दूरी
प्रत्याशियों को नए नियम की वजह से सरकारी और प्राइवेट नौकरी पेशा लोगों के यहां चुनाव सामग्री लगाने की जगह नहीं मिल पा रही है। नौकरीपेशा लोग किसी भी पार्टी के साथ अपनी पहचान नहीं जोडऩा चाहते हैं इसलिए वे झंडा, पोस्टर लगाने की अनुमति नहीें दे रहे हैं। शहर के कई वार्ड ऐसे हैं जहां बड़ी संख्या में नौकरीपेशा लोग रहते हैं और वे नए नियम के दायरे में आकर खुद की पहचान किसी पार्टी के समर्थन में लिखित रूप से जोडऩे को तैयार नहीं हैं।

विवाद रोकने लागू किया गया नियम
जिला निर्वाचन शाखा के अनुसार यह नियम इस बार पूरे प्रदेश में लागू किया गया है। पहले वार्ड चुनाव के दौरान बगैर मौखिक अनुमति भी बैनर-पोस्टर और झंडे लगा दिए जाते थे। इससे विवाद की स्थिति पैदा होती थी। इसे रोकने के लिए ही लिखित अनुमति का सिस्टम लाया गया है। नए नियम के आने से पार्टी विशेष को लेकर खड़ी होने वाली विवाद की स्थिति स्वत: समाप्त हो गई है। इस पूरे सिस्टम की मॉनिटरिंग प्रशासनिक अफसर वार्डों में भ्रमण करके कर रहे हैं। प्रत्याशी के पास अनुमति पत्र नहीं होने पर नियमानुसार कार्रवाई का प्रावधान है। फिलहाल शहर में इससे जुड़ा एक भी मामला सामने नहीं आया है।

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