सुझाव पर सहमति संभव नहीं
उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों से ऑनलाइन परीक्षा करवाने पर सुझाव मांगा है लेकिन यह संभव नहीं है क्योंकि इन परीक्षाओं को पूरा करवाने के लिए बस्तर विश्वविद्यालय समेत किसी भी विवि के पास उतने संसाधन ही नहीं हैं। ऑनलाइन परीक्षा अगर होती है तो उसमें बस्तर विवि के ५० हजार से ज्यादा परीक्षार्थी बैठेंगे इसके बाद इनकी मॉनीटरिंग के लिए एक अलग से टीम बनानी होगी। बस्तर जैसे सुदूर इलाके में कई छात्रों को कंप्यूटर चलाना भी नहीं आता, उन्हें काफी दिक्कत होगी। ऐसे में सुझाव पर सहमति संभव ही नहीं है।
ऑफ लाइन परीक्षा की नए सिरे से होगी तैयारी
कोरोना के बाद लगे लॉकडाउन की वजह से परीक्षाएं बीच में ही रोक दी गई थीं। जबकि कॉलेजों ने सारी तैयारी कर रखी थी। अब जबकि लॉकडाउन ३ मई के बाद खत्म होगा तो एक बार फिर से संबद्ध कॉलेजों को नए सिरे से तैयारी करनी होगी। हालांकि प्रश्न पत्रों में कोई बदलाव नहीं होगा। विवि के सूत्रों की मानें तो ऑफ लाइन परीक्षा करवाने को लेकर भी शासन की तरफ से नई एडवाइजरी आ सकती है। इसमें कोरोना से बचाव को लेकर तैयारियों का जिक्र होता है तो विवि को नए सिरे कवायद करनी होगी।
विवि का ऑफिशियल वर्क बंद
बस्तर विश्वविद्यालय में लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही अपना ऑफिशियल वर्क लगभग बंद कर रखा है। प्रशासनिक भवन में इक्का-दुक्का कर्मचारी ही ड्यूटी कर रहे हैं। कोई जरूरी पत्र आने पर संबंधित विभाग के जिम्मेदार इसका जवाब ऑनलाइन उच्च शिक्षा विभाग को प्रेषित कर रहे हैं।
अनावश्यक गैप किया जा सकता है कम
बस्तर विवि के सूत्रों की मानें तो विवि प्रबंधन परीक्षाओं को जल्दी निपटाने के लिए पेपर्स के दौरान आने वाले अनावश्यक गैप को कम कर सकता है। यानी जिन विषयों में पूर्व में ६ दिन का गैप था उसे कम करे २ या तीन दिन कर दिया जाए ताकि परीक्षा जल्द खत्म हो जाए।