scriptएमपीएम के कंटेनमेंट जोन से 4 दिन बाद बाहर निकले मरीज-परिजन, तिरंगा चौक कब खुलेगा अभी तय नहीं | Not sure when area open after 4 days out of MPM Containment Zone | Patrika News

एमपीएम के कंटेनमेंट जोन से 4 दिन बाद बाहर निकले मरीज-परिजन, तिरंगा चौक कब खुलेगा अभी तय नहीं

locationजगदलपुरPublished: Jun 06, 2020 05:56:43 pm

Submitted by:

Badal Dewangan

एमपीएम अस्पताल में भर्ती मरीजों की आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद 54 मरीजों को किया गया डिस्चार्ज, नयामुंडा के तिरंगा चौक इलाके में ३ हजार से ज्यादा की आबादी कंटेनमेंट जोन में अब भी फंसी

एमपीएम के कंटेनमेंट जोन से 4 दिन बाद बाहर निकले मरीज-परिजन, तिरंगा चौक कब खुलेगा अभी तय नहीं

एमपीएम के कंटेनमेंट जोन से 4 दिन बाद बाहर निकले मरीज-परिजन, तिरंगा चौक कब खुलेगा अभी तय नहीं

जगदलपुर। कंटेनमेंट जोन घोषित एमपीएम हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों की आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद करीब 54 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। वहीं अस्पताल में 11 मरीज भर्ती हैं जिनका इलाज जारी है। वहीं मरीजों के साथ उनके परिजन भी कंटेनमेंट जोन में फंसे हुए थे। इसके साथ ही कंटेनमेंट जोन घोषित होते ही यहां पर ड्यूटी में मौजूद स्टाफ भी यहीं फंस गए थे। इन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सभी को छोड़ा गया। जगदलपुर शहर में कोरोना पॉजीटिव मिलने के बाद संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों को चिन्हित किया गया। इसके बाद शहर में चार कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिए गए हैं। इसमें बालाजी वार्ड और कुम्हारपारा को दूसरे-तीसरे दिन ही कंटेनमेंट जोन से हटा दिया गया है। वहीं कंटेनमेंट जोन एमपीएम हॉस्पिटल में करीब 165 लोग फंसे हुए थे। इसमें करीब सभी लोगों का आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आया है। बावजूद हॉस्पिटल को कंटेनमेंट जोन में रही रखा गया है। इससे लोग यहां पर इलाज के लिए नहीं आ पा रहे हैं।

तिरंगा चौक के कंटेनमेंट जोन के औचित्य पर सवाल
नयामुंडा के तिरंगा चौक को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है लेकिन यहां पर प्रशासन के द्वारा उस तरह से निगरानी नहीं की जा रही है जैसी एक जोन के लिए होनी चाहिए। यहां पर लोग निगरानी के अभाव में अपनी मर्जी से कहीं भी आना जाना कर रहे हैं। सिर्फ मुख्य रास्तों पर ही बैरिकेडिंग की गई है जबकि मोहल्ले से बाहर निकलने के कई वैकल्पिक रास्ते हैं और उन रास्तों का इस्तेमाल करके वार्ड के लोग बेहिचक बाहर निकल रहे हैं। इस पर शहर के लोगों का कहना है कि अगर जोन को पूरी तरह से सील नहीं कर सकते तो दिख्खावे के लिए जोन घोषित कर वहां के लोगों परेशान करने की क्या जरूरत है। जोन कब खुलेगा यह तय कर देना चाहिए।

कंटेनमेंट जोन में बिना मास्क के घूम रहे लोग
कोरोना वायरस का कहर प्रदेश में लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वहीं कंटेनमेंट जोन अंबेडकर वार्ड में लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। यहां पर गलियों में लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है। महिलाएं घर के बाहर बिना मास्क लगाए बैठकर बातचीत कर रही हैं तो वहीं बच्चे बाहर खेल रहे हैं। लोग कोरोना के कहर को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।

मरीज और परिजनों को कैंटिन से खरीदना पड़ा भोजन
कंटेनमेंट जोन एमपीएम हॉस्पिटल में फंसे मरीज और उनके परिजनों के लिए प्रशासन ने भोजन तक की व्यवस्था नहीं कर पाया। मरीज के परिजनों ने बताया कि उन्हें हॉस्पिटल में स्थित कैंटिन से भोजन खरीद कर खाना पड़ा। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों से आए गरीब लोगों को काफी परेशानी हुई। दरअसल कंटेनमेंट जोन में न तो कोई जा सकता है और न ही कोई बाहर आ सकता है। ऐसे में मरीज के परिजन घर से भी खाना नहीं पहुंचा सके।

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