इधर पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी ने जगदलपुर (Jagdalpur) के पुलिस अधीक्षक डी. श्रवण को किसानों से धोखाधड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। किसानों को जमानत पर जेल से बाहर निकालने की कोशिशें भी शुरू हो चुकी हैं।
प्रशासन ने जेल में बंद दोनों किसानों सुखदास और तुलाराम को नि:शुल्क वकील भी उपलब्ध करा दिया है। जगदलपुर की भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) कृषि विकास शाखा के परिवाद के आधार पर प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ने दोनों किसानों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था।
बैंक की भूमिका भी जांच में
एसडीएम (SDM) की जांच के दायरे में एसबीआई (SBI) एडीबी शाखा (ADB Branch) की भूमिका भी है। बताया जा रहा है कि इस मामले में बैंक, दलालों और कर्ज को मंजूरी देने से संबंधित दूसरे लोगों की भूमिका भी जांची जा रही है। परिजनों के मुताबिक गांव के ही दो व्यक्तियों ने किसानों (Farmers) से सस्ता कर्ज दिलाने के नाम पर कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए थे।
एसडीएम ने की परिजनों से बात
जांच अधिकारी के सामने हुए परिजनों के बयान से मामला धोखाधड़ी का लगता है। बताया जा रहा है कि तुलाराम मौर्य के नाम पर 16 नवम्बर 2009 को भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) की कृषि विकास शाखा (एसबीआई एडीबी) से किसान क्रेडिट कार्ड पर 3 लाख, ड्रिप के लिए 2 लाख 3 हजार रुपए और फेंसिंग के लिए 60 हजार रुपए का कर्ज लिया था। ऐसा ही मामला सुखदास का भी था।
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