इस कार्यशाला के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक डी श्रवण ने सीसीटीएनएस के महत्व के संबंध में बताया कि वर्ष 2013 के बाद वर्ष 2019 तक सभी अपराधों के सभी विवेचना फार्म को कोर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में जल्दी अपलोड किया जाए तथा फार्म नंबर 6 न्यायालय निर्णय पत्रक एवं फार्म 7 अपराधिक प्रकरण अपील की जानकारी ऑनलाइन फि ट करने की जानकारी बताई गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय महादेवा ने शुक्रवार को थाना प्रभारियों को सीसीटीएनएस में रुचि लेकर बेहतर कार्य एवं किसी भी प्रकरण के सभी फॉर्म की जानकारी अपलोड करने के बारे में बताया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रशिक्षक सहायक उपनिरीक्षक श्रीनिवास वर्मा, प्रधान आरक्षक नरसिंह दास, आरक्षक ताम्रध्वज निर्मलकर ने 2 अप्रैल को जिले के 1३ थाना प्रभारियों, निरीक्षकों को सीसीटीएनएस योजना के संबंध में एक दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया। सीसीटीएनएस के अंतर्गत अपराध पंजीयन, अपराध विवरण फार्म, गिरफ्तारी पत्रक, जब्ती पत्रक, चालानी कार्रवाई, मर्ग इंटीमेशन, रोजनामचा लेखन एवं योजना अंतर्गत अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया।
थाना प्रभारियों को सीसीटीएनएस के फ ार्म 1 से 5 तक को अपलोड करना बताया गया। ज्ञात हो कि 1 प्रथम सूचना पत्रक 2 अपराध विवरण फार्म, 3 गिरफ्तारी पत्रक, 4 जब्ती पत्रक एवं 5 अभियोग पत्र है। 3 अप्रैल को जिले के 16 उप निरीक्षकों प्रशिक्षण दिया गया व 4 अप्रैल को 20 सहायक उपनिरीक्षको को इस संबंध में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना के नोडल अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं सहायक नोडल अधिकारी नगर पुलिस अधीक्षक हेमसागर सिदार है।
जिले के चार थानों में इंटरनेट सेवा नहीं
वर्तमान में जिले के 13 थानों में सीसीटीएनएस की योजना संचालित है। जिसमें 9 थानों में ऑनलाइन एफआइआर की सुविधा है एवं ४ थानों में तकनीकी परेशानी होने के कारण वहां शुरू नहीं हो पाई है। जिसकी मुख्य वजह यहां पर इंटरनेट नेटवर्क का नहीं पहुंच पाना है। अतिसंवेदनशील क्षेत्र होने से यहां नेटवर्किंग टॉवर की पहुंच नहीं है। इन थानों में कोड़ेनार, बुरगुम, मारडूम और एक चौकी शामिल है। जहां ऑनलाइन एफआइआर की सुविधा नहीं है।